डर का साया अब बीते दिनों की बात है, कश्मीर में लौट रही रौनक, फारूक अब्दुल्ला का बयान

Advertisements Advertisements जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि घाटी में अब डर का माहौल पहले…

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जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि घाटी में अब डर का माहौल पहले जैसा नहीं रहा है। बल्कि काफी हद तक खत्म हो गया है। उन्होंने पूरे देश के लोगों से अपील की है कि वे कश्मीर की खूबसूरती देखने जरूर आएं।

उन्होंने कहा कि पहलगाम में जो कुछ हुआ वह बेहद अफसोसजनक था। इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए थी। लोग यहां खुश होकर आ रहे थे। अपनी दुनिया में व्यस्त थे। कोई सरकारी नौकरी नहीं मांग रहा था। पहलगाम की हालत ऐसी थी कि वहां कमरे तक नहीं मिल रहे थे।

फारूक अब्दुल्ला ने पर्यटक रिसॉर्ट का दौरा किया और अपने कुछ दोस्तों के साथ गोल्फ कोर्स भी गए। उन्होंने कहा कि हमले के बाद कुछ देर के लिए डर का माहौल बना लेकिन सरकार ने हालात सुधारने की कोशिश की है।

उनका कहना है कि पहले घाटी में डर का साया था। मगर अब वैसा नहीं है। उन्होंने कहा कि आप खुद देखिए कितने लोग पहलगाम आ रहे हैं। मैं खुद गुलमर्ग गया था। वहां चार सौ से ज्यादा पर्यटक थे। अल्ला का शुक्र है कि अब हालात बदल रहे हैं। सरकार ने सुरक्षा मजबूत करने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं। अब लोगों को खुलकर आगे आना चाहिए।

फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से यह भी कहा कि वह उन देशों से बात करे जिन्होंने अपने नागरिकों को कश्मीर न जाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि कुछ देश आज भी ट्रैवल गाइडलाइन में जम्मू कश्मीर को लेकर निगेटिव बातें लिख रहे हैं। विदेश मंत्रालय को चाहिए कि इन गाइडलाइन को हटवाने की पहल करे।

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि दोनों देशों में अब शांति है। ऐसे में यह जरूरी है कि दूसरे देश के नागरिक भी यहां आ सकें। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग गोल्फ खेलना पसंद करते हैं। उनमें से कई यहां आना चाहते हैं। उन्हें इस जगह की खूबसूरती देखनी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि वो जरूर आएंगे।

उन्होंने कहा कि गोल्फ एक ऐसा खेल है जिसे अब खेलो इंडिया में भी शामिल किया गया है। यह ओलंपिक से लेकर राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों तक का हिस्सा बन चुका है। इसलिए जरूरी है कि इस खेल को और बढ़ाया जाए। हमारे देश के लोग भी इसे अपनाएं ताकि आने वाले समय में देश को इसमें पदक मिल सके।

कश्मीर की खूबसूरती पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि मौसम और नज़ारे दोनों बेमिसाल हैं। मैंने दुनिया के कई कोनों की यात्रा की है लेकिन वैसा सौंदर्य कहीं नहीं देखा जैसा यहां है। मुझे उम्मीद है कि देश के लोग यहां आएंगे। इसे देखेंगे और देश को मजबूती देंगे। हमें डरना नहीं चाहिए। अगर हम डर गए तो समझो हम जिंदा नहीं रहे।

अमरनाथ यात्रा को लेकर भी उन्होंने बात की। उन्होंने कहा कि तीन जुलाई से शुरू हो रही वार्षिक यात्रा हमारे लिए बेहद अहम है। यह कई वर्षों से चली आ रही परंपरा है। मैं चाहता हूं कि अधिक से अधिक श्रद्धालु यहां आएं। भोलेनाथ के दर्शन करें और जब घर लौटें तो लोगों को बताएं कि यह जगह कितनी सुंदर है।

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा मंत्रिमंडल की बैठक पहलगाम में बुलाने पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह बेहद अहम है। इससे एक सकारात्मक संदेश जाएगा कि यहां शांति है। जब लोगों को पता चलेगा कि सरकार के सारे मंत्री यहां मौजूद हैं तो उन्हें भरोसा मिलेगा। इससे यहां के स्थानीय लोगों को भी हौसला मिलेगा।

उन्होंने कहा कि यहां के लोग पहले ही बहुत मुश्किलों से जूझ रहे हैं। किसी ने होटल की मरम्मत के लिए कर्ज लिया है। किसी ने टैक्सी खरीदी है। कोई घोड़ा चलाकर रोटी कमा रहा है। ऐसे में अगर पर्यटक आएंगे तो इन्हें राहत मिलेगी। हमें भरोसा है कि देश भर से और ज्यादा लोग आएंगे। और हम पहले की तरह उनकी मेहमाननवाजी करेंगे।

पार्टी के अंदरूनी मतभेदों पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टी को तोड़ने की कोशिशें हमेशा होती रही हैं। यह कोई नई बात नहीं है। ऐसा मेरे पिता के समय में भी हुआ था और आज भी हो रहा है। लेकिन हम इससे परेशान नहीं हैं। हमारा ध्यान लोगों की समस्याएं सुलझाने पर है। और हम वही करते रहेंगे। इंशा अल्लाह आने वाले पांच सालों में जम्मू कश्मीर में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।