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उत्तराखंड में विधायकों को एक ही पेंशन देने का मामला फिर उठा

उत्तरा न्यूज टीम
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देहरादून। वित्तीय कमी से जूझ रहे उत्तराखंड में धन की बचत करने का एक अच्छा उपाय है कि विधायको को एक बार की ही पेंशन देर हो। यह मामला पहले भी सुर्खियों में था पर अब गैरसैण निवासी पवन नेगी की मांग पर विधायकों को मिलने वाली पेंशन में कटौती का मामला फिर उठा है। उनका कहना है कि विधायकों को एक ही कार्यकाल की पेंशन दी जाए। जबकि लंबे समय तक विधायकों को प्रतिवर्ष दो हजार रुपये के हिसाब से पेंशन में बढ़ोतरी मिलती है।

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विधायकों को वर्तमान में पेंशन की व्यवस्था है। उन्हें पहला वर्ष पूर्ण करने के बदले 40 हजार रुपये व उसके बाद के चार साल के कार्यकाल या बाद के अन्य कार्यकालों में पूर्ण किये गये वर्षों के बदले दो हजार रुपये प्रतिवर्ष पेंशन मिलती है। उदाहरण के लिए कोई व्यक्ति यदि सात बार पांच-पांच साल के लिए विधायक रहा हो तो उसे पहले साल के लिए 40 हजार व शेष बचे 34 वर्षों के बदले प्रतिवर्ष दो हजार के हिसाब से 68 हजार रुपये और पेंशन के रूप में मिलेंगे। इस संबंध में मंत्रिमंडल अनुभाग की ओर से विधानसभा सचिव को पत्र भेजा गया है। इस पत्र को शासन ने विधानसभा सचिव को इस आशय से भेज दिया है कि यह उनके स्तर का मामला है।