धरती की सतह एक बार फिर रातभर थर्राई। सोमवार देर रात से मंगलवार सुबह तक पांच अलग-अलग देशों में भूकंप के झटके दर्ज किए गए, जिससे दहशत का माहौल बना रहा। रात एक बजे से लेकर सुबह छह बजे तक भारत, तिब्बत, म्यांमार, ताजिकिस्तान और इंडोनेशिया में धरती हिली। इन झटकों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3 से 5.5 के बीच मापी गई। अधिकांश स्थानों पर लोग गहरी नींद में थे जब कंपन महसूस की गई। कुछ जगहों पर झटके हल्के रहे, तो कुछ इलाकों में धरती के तेज़ कंपन ने लोगों को घरों से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी की ओर से भारत के असम जिले में तड़के 4 बजकर 46 मिनट पर आए भूकंप की पुष्टि की गई, जिसकी तीव्रता 3.4 मापी गई। इसका केंद्र सोनितपुर में 13 किलोमीटर की गहराई में स्थित रहा। वहीं इंडोनेशिया के सेरम द्वीप पर सबसे तेज झटका महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता 5.5 दर्ज की गई और गहराई 10 किलोमीटर रही। तिब्बत में सुबह 5 बजकर 33 मिनट पर 4.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने नींद से जाग रहे लोगों को झटका दिया। म्यांमार में सुबह 2 बजकर 47 मिनट पर 3.8 तीव्रता का झटका महसूस हुआ, जो पहले से जारी हलचलों की एक और कड़ी बनकर आया। वहीं ताजिकिस्तान में रात एक बजकर 50 मिनट और दो बजकर चार मिनट पर दो बार धरती हिली, जिनकी तीव्रता क्रमश: 4.2 और 4 मापी गई।
हालांकि अभी तक किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं आई है, लेकिन बीते सवा साल से लगातार आ रहे भूकंप के झटकों ने लोगों के मन में डर और चिंता की स्थिति बना दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि जिस तरह से धरती की परतों में लगातार हलचल हो रही है, उससे भविष्य में किसी बड़े भूकंप की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।