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राज्य में हड़तालों के लिए जवाबदेही को लेकर हड़ताल करेंगे कर्मचारी- कार्मिक एकता मंच की वेबिनार में लिया गया निर्णय

उत्तरा न्यूज डेस्क
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दो अक्टूबर को तय हो सकती है हड़ताल की तिथि

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अल्मोड़ा, 16 अगस्त 2020- उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच की ओर से आयोजित वेबिनार में राज्य में हड़ताल के लिए जवाबदेही को लेकर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी गई|


तय किया गया कि 2अक्टूबर को इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा|

उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच की ओर से आयोजित वेबिनार में राज्य में हड़ताल के लिए जवाबदेही को लेकर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी गई|
तय किया गया कि 2अक्टूबर को इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा|

मंच के अध्यक्ष रमेश चन्द्र पाण्डे की अध्यक्षता मेँ सम्पन्न वेबिनार मेँ विकास के लिए हड़तालों के प्रति जवाबदेही हेतु चितई स्थित गोलज्यू के दरबार मेँ लगाई गयी फरियाद पर शीघ्र सुनवाई के लिए किए जा रहे जनजागरण की समीक्षा की गई । तय किया गया कि यदि सरकार ने हड़ताल के कारणो की समीक्षा करते हुए जवाबदेही तय नहीं की तो “ राज्य मेँ हड़तालों के प्रति जवाबदेही के लिए हड़ताल होगी” जिसकी तिथि की घोषणा 2 अक्तूबर को शहीदों की बरसी के दिन की जाएगी ।

वक्ताओं ने सरकार से आगामी विधानसभा सत्र मेँ पुरानी पेंशन बहाली की संस्तुति हेतु प्रस्ताव पारित करा कर केंद्र सरकार को भेजने की पुरजोर मांग की । वेबिनर के मुख्य अतिथि उत्तराखंड सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने जवाबदेही के सवाल को लेकर एकता मंच द्वारा छेड़ी गई एकता की मुहिम से खुद को जोड़ने का एलान करते हुए कहा कि सरकार द्वारा पदोन्नति के मामलों के निस्तारण हेतु समयबद्ध व्यवस्था दिये जाने के बावजूद जो अधिकारी बेवजह पदोन्नति के मामलों को लटका कर सरकार की छवि बिगाड़ रहे हैं उनके खिलाफ सरकार को कार्यवाही करनी चाहिए ।
वेबिनर में कहा गया कि बेवजह रोकी गई पदोन्नति के मामलों मेँ जवाबदेही तय करने हेतु ऑडिट विभाग का उदाहरण देते हुए सरकार को मंच की ओर से पाँच पत्र दिये गए लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने पर ये सभी पत्र उक्त फरियाद के साथ मंदिर मेँ टांग दिये गये । पदोन्नति के मामलों के समयबद्ध निस्तारण हेतु बेहतरीन व्यवस्था तो बनी है लेकिन उसमे इसका पालन नहीं करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही का कोई प्रावधान नहीं होने के कारण मनमाने ढंग से बेवजह मामलों को लटकाया जाता है ।
वक्ताओं ने यूपी कैडर के कार्मिकों को उत्तराखंड की ज्येष्ठता सूची मेँ शामिल किए जाने का पुरजोर विरोध करते हुए इसे यहाँ के कार्मिकों के हकों पर डाका डालने वाली कार्यवाही बताया ।
वेबिनार मेँ कहा गया कि कार्मिकों के पदोन्नति,एसीपी समेत अन्य सेवा संबंधी रूटीन के मामलों के समयबद्ध निस्तारण हेतु
सिटिज़न चार्टर की तर्ज पर जवाबदेही तय की जाय ।

संवाद-शून्यता, वादाखिलाफी और तानाशाही को हड़ताल का प्रमुख कारण बताते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार की मंशा यदि वास्तव मेँ उत्तराखंड से हड़ताली प्रदेश का तमगा हटाने की है तो इन कारणों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जवाबदेही तय करे ।
वेबिनार को संबोधित करते हुए राज्य निगम कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय महासचिव सूर्यप्रकाश राणाकोटी ने कहा कि राज्य के समूचे कार्मिक समुदाय को एक मंच पर लाने हेतु एकता मंच द्वारा छेड़ी गई एकता की मुहिम बेमिसाल है और वे इस मुहिम को मुकाम तक पहुंचाने के लिए पूरा सहयोग करेंगे । वेबिनार का संचालन मंच के गड़वाल मण्डल के संयोजक सीताराम पो
खरियाल ने किया| (हड़ताल)

हड़ताल

वेबिनार को मंच के संरक्षक पंकज कांडपाल , वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरेंद्र पाठक , महासचिव दिगंबर फूलोरिया , मानवेंद्र बर्थवाल , नरेश भट्ट , सुबोध कांडपाल ,सौरभ नौटियाल, संजय पाठक, पुरन चंद , जयदीप चौहान ,आलोक उनियाल ,राजपाल नेगी , शंकर बिष्ट आदि ने संबोधित किया ।(हड़ताल)

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