गौरीकुंड हाईवे पर पहाड़ी से गिरे पत्थरों ने छीनी दो जिंदगियां, चार लोग गंभीर रूप से घायल

Advertisements Advertisements रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड की ओर जा रहे एक यात्री वाहन पर काकड़ागाड़ के पास पहाड़ी से अचानक बड़े-बड़े पत्थर गिर पड़े। पत्थरों की…

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रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड की ओर जा रहे एक यात्री वाहन पर काकड़ागाड़ के पास पहाड़ी से अचानक बड़े-बड़े पत्थर गिर पड़े। पत्थरों की सीधी चपेट में आने से वाहन का अगला हिस्सा और छत बुरी तरह टूट गई। पीछे का टायर भी उड़ गया। हादसा शुक्रवार की शाम करीब पांच बजकर पैंतालीस मिनट पर हुआ। वाहन गंगोत्री धाम से केदारनाथ की यात्रा पर निकला था। लेकिन रास्ते में हादसा हो गया।

गाड़ी चला रहे टिहरी के लंबगांव निवासी राजेश रावत की मौके पर ही मौत हो गई। वह अड़तीस साल के थे। वहीं छत्तीसगढ़ से आए पांच यात्रियों में से एक युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई। उसकी पहचान शैलेश कुमार के रूप में हुई है। वह चौबीस साल का था और मोहनलाल का बेटा था।

हादसे के बाद मौके पर हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों ने पुलिस और एसडीआरएफ को बुलाया। सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। हादसे में घायल बाकी चार लोग भी छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। सभी के सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आई हैं।

ऊखीमठ थाना प्रभारी राजीव चौहान ने बताया कि हादसे का कारण पहाड़ी से अचानक भारी पत्थरों का गिरना रहा। मृतक चालक राजेश रावत के सिर और सीने पर भारी पत्थर आकर गिरा। जिससे वह मौके पर ही दम तोड़ बैठा। वहीं शैलेश को अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

फिलहाल चार घायलों का इलाज जारी है। सभी यात्री छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के बताए जा रहे हैं। हादसे ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि चारधाम यात्रा मार्गों पर पहाड़ी दरकने का खतरा लगातार बना हुआ है। और यात्रियों की जान पर हर वक्त संकट मंडरा रहा है।