अल्मोड़ा:: सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में एक छात्रा ने उत्पीड़न के सरसनीखेज आरोप लगाए हैं।
छात्रा ने विश्वविद्यालय की दो शिक्षिकाओं और दो अन्य छात्रों पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का शिकार बनाने का बड़ा आरोप लगाया है और कुलपति को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है।
छात्रा के इन आरोपों के बाद विश्वविद्यालय के शैक्षणिक वातावरण और नैतिक मूल्यों पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
शिकायतकर्ता का कहना है कि उसके साथ दो शिक्षिकाओं और दो लड़कों द्वारा एक कमरे में बंद कर शारीरिक हमला (assault) किया गया। उनसे जबरन माफीनामा लिखवाया गया।
यही नहीं विश्वविद्यालय में चल रहे छात्र आंदोलन, में उनके पक्ष में बयान देने के लिए धमकाया जा रहा है। उसका फोन जबरन बंद किया गया और एक शिक्षिका ने खुद को एक पुलिस अधिकारी की बहिन बताते हुए गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है, उन्होंने शिकायत में कहा है कि यह उत्पीड़न दो बार हो चुका है, जिससे छात्रा की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
शिकायतकर्ता ने दोषी शिक्षिकाओं और शामिल लड़कों के खिलाफ तत्काल निलंबन और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
आंतरिक शिकायत समिति (ICC) और अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण समिति द्वारा 24 घंटों के भीतर जाँच शुरू की जाए।
और पीड़िता को सुरक्षा और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान की जाए।
उन्होंने कहा कि यदि 24 घंटों के भीतर कार्रवाई नहीं हुई, तो वह स्थानीय पुलिस में शिकायत करने के साथ ही राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को शिकायत करेंगी।