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अल्मोड़ा में खूब उठाया जा रहा है ‘मौके’ का फायदा, सांझ ढलते ही प्रतिबंधित (Restricted) क्षेत्र में फेंकी जा रही मिट्टी

UTTRA NEWS DESK
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अल्मोड़ा, 13 मई 2020
लॉक डाउन(Lock Down) के बीच जहां एक ओर प्रशासन व पुलिस विभाग कोरोना महामारी से निपटने में लगा हुआ हैं वही, कुछ लोग इस मौके का फायदा उठाने से नहीं चूक रहे है. अंधेरा होते ही शहर के आस पास प्रति​बंधित (Restricted) क्षेत्रों में ट्रकों से अवैध रूप से मिट्टी फेंकी जा रही है.

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गौरतलब है कि जिला प्रशासन (District administration) की ओर से भवन निर्माण की निष्प्रोज्य सामग्री व मिट्टी फेंकने के लिए शहर के आस पास डंपिंग जोन (Dumping zone) निर्धारित किए है. यही नहीं कुछ माह पहले प्रतिबंधित क्षेत्रों में तार—बाड़ भी करवाई गई थी. लेकिन कुछ लोगों द्वारा प्रशासन द्वारा बनाये गए नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. लॉक डाउन (Lock Down) का फायदा उठाते हुए रात के अंधेरे में नगर से कुछ ही दूरी पर अवैध रूप से मिट्टी फेंकी जा रही है.

दरअसल, बीते मंगलवार की देर शाम करीब 8 बजे ‘उत्तरा न्यूज'(Uttra News) के संवाददाता ने नगर से लगे करबला के पास सड़क किनारे कुछ लोगों को ट्रकों से अवैध रूप से मिट्टी डालते देखा गया तो मामले की सूचना एसडीएम व कोतवाल को दी गई. लेकिन सूचना दिए जाने के एक घंटे बाद भी वहां प्रशासन व पुलिस से कोई नहीं पहुंचा. इस बीच कई ट्रक मिट्टी वहां फेंकी गई.

जबकि कुछ माह पहले डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने आदेश जारी किए थे कि निर्धारित डंपिंग जोन में ही भवन निर्माण की निष्प्रोज्य सामग्री व मिट्टी फेंकी जाएगी. जिलाधिकारी की ओर से निर्धारित डंपिंग जोन के अलावा कहीं भी​ मिट्टी फेंके जाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे.

प्रशासन व पुलिस को सूचना देने के बाद भी किसी का घटनास्थल पर नहीं पहुंचना और अवैध रूप से मिट्टी डालने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से ऐसा प्रतीत होता है कि जिम्मेदार अधिकारी जिलाधिकारी के आदेशों का पालन नहीं कर रहे है. जिसका फायदा उठाते हुए कुछ लोग प्रशासन व पुलिस की नाक के नीचे नियमों को धत्ता बता रहे है.

एसडीएम सीमा विश्वकर्मा (Seema Vishwakarma) ने बताया कि भवन निर्माण की मिट्टी डालने के लिए पूर्व में नगर के आस पास 6 डंपिंग जोन (Dumping zone) निर्धारित किए गए थे जिसमें फालसीमा टाटिक, फालसीमा, चौसली, कलमटिया, अधेलीसुनार व पातालदेवी सम्मलित थे.

लेकिन स्थानीय निवासियों के विरोध के चलते वर्तमान में केवल 3 डंपिंग जोन निर्धारित किए गए है जिसमें पाताल देवी, फालसीमा टाटिक और चौसली शामिल है.