जानिए कैसे पानी में उतरते ही 90 सेकंड बाद डूब गया था यह आठ मंजिला जहाज, 193 लोगों की हो गई थी मौत

Smriti Nigam
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MS Herald Of Free Enterprise Ship Memoir: पेसेजंर्स और माल रोड करके एक शिप अपने सफ़र पर निकला था लेकिन पानी में उतरते ही 4 मिनट के अंदर शिप में पानी भरने के कारण यह डूब गया। बचाव अभियान चलाने से पहले ही लोग अपने बचाव में समुद्र में कूद गए। करीब 193 लोग इस हादसे में डूब गए और हाइपोथर्मिया से मारे गए। टाइटैनिक की तरह ये हादसा भी एक मानवीय चूक के कारण हुआ था।

MS Herald Of Free Enterprise Ship Capsized: अप्रैल 1912 में जब टाइटैनिक जहाज डूबा था तो पूरी दुनिया में हंगामा हो गया था लेकिन क्या आप जानते हैं कि टाइटेनिक जैसा एक और हादसा हो चुका है एक शिप समुद्र में उतरने के महज 90 सेकंड के अंदर ही डूब गया था और इसमें 193 लोग मारे गए थे। करीब आठ मंजिला शिप के क्रू के 80 मेंबर और करीब साढे 400 पैसेंजर थे लेकिन बचाव अभियान दल के पहुंचने तक नौकाओं से जितने लोग बच सके बच गए बाकी लोग डूब गए थे। हादसा यूरोपीय देश बेल्जियम में हुआ था यह जहाज 6 मार्च 1987 की रात को बंदरगाह जीब्रुगी (Zeebrugge) से निकला था।

हादसे का बाद बदल दिया गया था जहाज का नाम
जहाज का नाम MS हेराल्ड ऑफ फ्री एंटरप्राइज (MS Herald of Free Enterprise) था और रोल-ऑन/रोल-ऑफ (RORO) जहाज था। इसे यूरोपियन कंपनी टाउनसेंड थोरेसन (Townsend Thoresen) ऑपरेट करती थी। हादसे के बाद 30 सितंबर 1987 में जहाज को SA किंग्सटाउन ने खरीद लिया था।

इसका नाम भी बदलकर फ्लशिंग रेंज रख दिया गया था। 22 मार्च 1988 को इसे ताइवान भेज कर खत्म कर दिया गया था। इस हादसे के बाद सबक लेकर RORO जहाजों के डिजाइन में यूरोपियन देशों ने बदलाव किए। वॉटरकैंप रैंप और इंडिकेटर लगाए, ताकि यह पता चल सके की दरवाजा खुला है या बंद लेकिन शिप वापस नहीं आया।

मेन दरवाजा खुला रहने के कारण भरा पानी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जब हादसे की जांच हुई तो यह पाया गया कि इस घटना का कारण एक मानवीय गलती थी। एक क्रू मेंबर की गलती के कारण यह हादसा हुआ था ड्राइवर के लापरवाही थी क्योंकि उसने जहाज का मुख्य दरवाजा खुला छोड़ दिया था। उसने ध्यान नहीं दिया था और बाकी क्रू मेंबर्स सो रहे थे।हादसे का दूसरा कारण जहाज में वॉटर टाइट कंपार्टमेंट नहीं होना था।

बताया जाता है कि अगर यह कंपार्टमेंट होते तो जहाज में कभी पानी नहीं भरता। हादसे का तीसरा कारण कम्युनिकेशन सिस्टम में खराबी थी। समय रहते हादसे के बारे में बंदरगाह के अधिकारियों को बताया नहीं जा सका  जहाज की लंबाई 432 फीट 9 इंच थी, जिसके कारण यह इतना विशाल था कि इसमें 81 कारें, 3 बसें और 47 ट्रक लोड किए गए थे।

हाइपोथरमिया के कारण भी मारे गए पैसेंजर
जहाज शाम को करीब 6:24 पर टूर के लिए निकला था लेकिन सिर्फ 4 मिनट के अंदर ही इसमें पानी भर गया पानी भरने से जहाज एक तरफ झुक गया। सबसे पहले जहाज के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में पानी भरा जिससे लाइट चली गई और जब बिजली चली गई तो क्रू मेंबर्स ने बंदरगाह के अधिकारियों को बताया।

इसके साथ ही पता चला कि मेन डोर खुला है। करीब 7:37 पर अलार्म बजा और लोगों को जहाज के डूबने के बारे में बताया गया। बेल्जियम एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर रेस्क्यू करने पहुंचे लेकिन निकलने से पहले कुछ यात्री हाइपोथर्मिया की वजह से मर गए थे। उनके शरीर का तापमान कम हो गया था जिस वजह से उनका हार्ट फेल हो गया था कई पैसेंजर समुद्र में कूद गए थे।