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पिथौरागढ़। जिले की सीमांत तहसील धारचूला के ग्राम जुम्मा और नेपाल के श्री बगड़ इलाके में रविवार रात बादल फटने के बाद भारी तबाही मची है। भूस्खलन से कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग से लगे जुम्मा के जामुनी तोक और सिरौउडियार तोक में आधा दर्जन से अधिक मकान जमींदोज हो गए जिसके बाद 7 लोग लापता हो गए।
सोमवार तड़के बारिश थमी तो लोगों को चारों ओर तबाही का मंजर नजर आया। क्षेत्र के लोग मौके पर जुटे और प्रशासन व पुलिस को सूचना दी गई। इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्र में लोगों की सकुशल बरामदगी के लिए ढूंढ खोज शुरू हुई। डरे-सहमे और निराश लोग किसी तरह मलबे के बीच लोगों के सकुशल होने की उम्मीद में खोजबीन करते रहे।
इस बीच प्रशासन, राजस्व व नागरिक पुलिस, एसडीआरएफ और एसएसबी आदि की टीम क्षेत्र में पहुंचनी शुरू हुई, जिससे लोगों में हिम्मत बंधी और उपकरणों के साथ लापता लोगों की खोजबीन तेजी से शुरू की गई। जिसके बाद सोमवार पूर्वान्ह 11 बजे तक तीन बच्चों के शव बरामद होने की पुष्टि जिला प्रशासन ने की है, दूसरी ओर भारी बारिश और भूस्खलन से एनएचपीसी परिसर क्षेत्र में भी काफी नुकसान की सूचना है। रात हुई भारी बारिश के बाद काली नदी भी उफान पर है जिससे कई इलाकों में खतरा पैदा हो गया है। अनेक आवासीय मकान खतरे की जद में आ गए हैं।
बादल फटने से जुम्मा के पास नेपाल के श्रीबगड़ इलाके में भी भारी नुकसान होने की सूचना मिल रही है। इधर एनडीआरएफ के साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारी भी धारचूला के लिए रवाना हो चुके हैं। जुम्मा क्षेत्र में हैलीपैड तैयार कर लोगों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्ूयू करने और राहत सामग्री पहुंचाने की तेजी से तैयारी चल रही है। क्षेत्र में दूरसंचार सेवा भी लड़खड़ाने के कारण अधिकारियों व क्षेत्रवासियों से संपर्क करना मुश्किल हो रहा है।
फिलहाल स्थानीय प्रशासन तमाम एजेंसियों, रेस्क्यू टीम और ग्रामीणों के साथ राहत बचाव कार्यों में जुटा हुआ है। दूसरी तरफ मुनस्यारी के तल्ला जोहार क्षेत्र में भी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। जानकारी के अनुसार गैला पत्थरकोट में सात-आठ परिवार खतरे की जद में हैं। कई जगह खंभे टूटने से बिजली और पेयजल व्यवस्था ठप होने की सूचना है।