उपेक्षा के खिलाफ गरजे सीमान्त क्षेत्र के लोग, मदकोट से पिथौरागढ़ तक निकाली 111 किमी लंबी सीमान्त बचाओ देश बचाओ पदयात्रा

Newsdesk Uttranews
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पिथौरागढ़। मदकोट से जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ तक 111 किलोमीटर लंबी ‘सीमान्त बचाओ देश बचाओ पद यात्रा’ बुधवार को जिला मुख्यालय पहंुची।

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इस दौरान भारी संख्या में सीमान्त क्षेत्र के लोगों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट में धरना दिया और सीमान्त क्षेत्र की उपेक्षा और विकास कार्यों के ठप हो जाने पर रोष जताते हुए प्रधानमंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। यह यात्रा बीते 15 दिसंबर से शुरू हुई थी।

सीमान्त क्षेत्र धारचूला के विधायक हरीश धामी के नेतृत्व में मदकोट से यह पद यात्रा शुरू हुई। सीमान्त बचाओ देश बचाओ के नारे के साथ अलग-अलग पड़ावों से होते हुए पदयात्रा बुधवार को चैथे दिन दोपहर बाद जिला मुख्यालय पहुंची। पदयात्रा में शामिल लोगों ने कलक्ट्रेट पहुंचने के बाद धरना दिया। इस दौरान हुई जनसभा में राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि सीमान्त जिला पिथौरागढ़ आज भी विभिन्न बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है। चाहे मोबाइल कनेक्टिविटी हो, पूर्व मंे स्वीकृत सड़क व अन्य विकास कार्यों के मसले हों सब कुछ ठप और उपेक्षित है। यदि केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की त्रिवेंद्र रावत सरकार ने सीमान्त क्षेत्र ज्वलंत समस्याओं का समधान नहीं किया तो क्षेत्रवासियों का असंतोष कोई भी रूप ले सकता है। इसलिए सीमान्त क्षेत्र के लोगों की अपेक्षाओं को पूरा किया जाना जरूरी है।

उत्तराखंड विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष और रानीखेत के विधायक करन माहरा ने कहा कि सीमान्त क्षेत्र में दूरसंचार सेवाओं के साथ विभिन्न विकास कार्यों की अनदेखी के विरोध में ही इतनी लंबी पदयात्रा आयोजित की गई है ताकि सरकार की आंखें खुल सकें। विधायक हरीश धामी ने कहा कि अपने बुनियादी अधिकार प्राप्त करने के मकसद से हम लोग इस लंबी पदयात्रा के जरिये यहां पहुंचे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके विधानसभा क्षेत्र धारचूला का लगभग आधा इलाका मोबाइल फोन कनेक्टिविटी के लिए अभी भी नेपाल की संचार सेवाओं पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि हरीश रावत सरकार के समय स्वीकृत सड़कों व अन्य विकास की योजनाएं आज ठप हैं, जिन्हें तेजी से आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने सीमान्त क्षेत्र के लोगों को भूमि का अधिकार दिये जाने, तटबंधों का निर्माण, आपदा प्रभावितों को 10 लाख रुपया मुआवजा दिये जाने और जिला विकास प्राधिकारण जैसे कानून को समाप्त किये जाने की मांग उठाई।

सभा को पूर्व विधायक मयूख महर, कांग्रेस नेता प्रदीप पाल, पार्टी डीडीहाट जिलाध्यक्ष नरेश द्विवेदी, डीडीहाट महिला जिलाध्यक्ष नंदा बिष्ट, विण ब्लाॅक की पूर्व प्रमुख अंजू लुंठी, कांग्रेस जिलाधयक्ष त्रिलोक महर सहित अनेक लोगों ने संबोधित किया। सभा का संचालन कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश पंत ने किया। इस अवसर पर यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष ऋषेंद्र महर, बेरीनाग की पूर्व ब्लाॅक प्रमुख रेखा भंडारी, प्रह्लाद भंडारी, महिला महिला कांग्रेस पिथौरागढ़ की जिलाध्यक्ष पदमा बिष्ट, मनोज ओझा व लक्ष्मण सिंह समेत अनेक वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे। सभा के बाद विभिन्न मुद्दों से संबंधित ज्ञापन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजा गया, जिसके बाद चार दिवसीय पदयात्रा का समापन हो गया।

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