गोल्डन कार्ड को लेकर भिकियासैण में जारी है पेंशनरों का धरना

Newsdesk Uttranews
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भिकियासैंण तहसील मुख्यालय में गोल्डन कार्ड को लेकी पैंशनर्स के धरना आज 50 वें दिन में प्रवेश कर गया। आज आज स्याल्दे विकासखंड के पेंशनरों ने धरना दिया।
धरने के 50 दिन पेंशनरों ने सरकार पर जमकर गुस्सा निकाला।

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गुस्सा इस बात को लेकर था कि इस प्रदेश के मुख्यमंत्री व स्वाथ्य मंत्री ने कल हुई कैबिनेट की बैठक में गोल्डन कार्ड के मुद्दे का समाधान करने का भरोसा दिया था, लेकिन यह वादा भी झूठा साबित हुआ। पैंशनरों ने कहा कि इससे पहले 24 सितम्बर को हुई कैबिनेट की बैठक में भी इस मुद्दे को हल करने का आश्वासन दिया गया था।


पेंशनरों ने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार के सभी वादे झूठे साबित हुउ हैं। संगठन के अध्यक्ष तुला सिंह तड़ियाल ने इस मौके पर आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि, पूरे देश में उत्तराखंड ही पहला प्रदेश है जहां सीनियर सिटीजन से गोल्डन कार्ड के नाम पर टैक्स वसूला जा रहा है

उन्होंने कहा सरकार ने राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को अवैध वसूली का अड्डा बना रखा है। उसमें अपने अपने लोगों को रखा है। कहा कि साधारण पैंशनर्स और कर्मचारियों को प्रदेश के अन्दर इलाज नसीब नहीं हो रहा है जबकि ऊंची पहुंच रखने वाले लोगों का इलाज देश के किसी भी बड़े अस्पताल में हो रहा है। कहा कि अभी तक 43 लोगों का इलाज प्रदेश से बाहर बड़े – बड़े अस्पतालों में हो चुका है।


आंदोलन की अगली रणनीति तय करने के लिये पेंशनर्स ने सभी विकासखंडों की एक बड़ी बैठक 18 अक्टूबर को बुलाई है, जिसमें अगले कदम की रुपरेखा तय की जाएगी। उन्होंने कहा हमारा यह ऐतिहासिक आंदोलन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। आज पूरे प्रदेश में पेंशनर्स आन्दोलरत है अभी तक ऐसा आन्दोलन कहीं देखने को नही मिला है। उन्होंने कहा जब तक गोल्डन कार्ड के नाम पर कटौती बन्द नहीं होती और अभी तक वसूली गई धनराशि मय ब्याज वापस नही हो जाती , तब तक आन्दोलन चलता रहेगा।

उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए कि,नौ महीने से अभी तक गोल्डन कार्ड बने नहीं हैं तो कटौती किस चीज की हो रही है ? कहा कि शासनादेश में त्रिस्तरीय शिकायत निवारण समिति बनाने की बात लिखी है लेकिन अभी तक ऐसी कोई समिति अस्थित्व में नहीं है। पेंशनर्स व कर्मचारियों के लिए औषधालय व डाईग्नोस्टिक सेन्टर चिन्हित किए जाने थे कहीं भी कोई ऐसे सेन्टर चिन्हित नहीं किए गए हैं।

बैठक में सभी वक्ताओं ने मांग की कि, प्राधिकरण के खर्चों की किसी स्वतंत्र एजेंसी अथवा सीबीआई से जांच कराई जाए।
इस मौके पर गंगा दत्त जोशी, शोबन सिंह मावड़ी, मोहन सिंह नेगी, धनीराम टम्टा, प्रताप सिंह मनराल, अम्बादत बलौदी, राजेन्द्र सिंह मनराल, कुन्दन सिंह बिष्ट, कुन्दन सिंह ऐराडी, कमल नाथ गोस्वामी, बालम सिंह बिष्ट, मोहन सिंह बिष्ट, देबी दत्त लखचौरा, यू डी सत्यबली, प्रवीण सिंह कड़ाकोटी, बालम सिंह रावत, गंगा दत्त शर्मा, मोहन सिंह नेगी, आनन्द प्रकाश लखचौरा, रमेश चंद्र सिंह बिष्ट, राम सिंह बिष्ट,देब सिंह बंगारी, देब सिंह घुगत्याल, आदि आदि मौजूद रहे।

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