लखनऊ की एक नर्सिंग छात्रा ने जो हिम्मत दिखाई, वह आज पूरे देश के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर रही है—क्या अब लड़कियों के लिए सफर करना भी सुरक्षित नहीं रहा? यह छात्रा रोज की तरह ई-रिक्शा में बैठकर अपने गंतव्य की ओर जा रही थी, लेकिन उसी रिक्शा में बैठे कुछ दरिंदों ने उसे अकेला देखकर छेड़खानी शुरू कर दी। जब उसने विरोध किया, तो आरोपियों ने उसका मुंह दबाने की कोशिश की, उसे धमकाया और डराने का प्रयास किया। ऐसी स्थिति में जहां ज़्यादातर लोग घबरा जाते, इस छात्रा ने अपनी जान जोखिम में डालकर बहादुरी की मिसाल पेश की। उसने बिना वक्त गंवाए चलती रिक्शा से छलांग लगा दी और खुद को उन दरिंदों से बचा लिया। हालांकि इस दौरान उसे काफी चोटें भी आईं, लेकिन उसकी हिम्मत ने यह साफ कर दिया कि वह किसी भी हाल में अपनी इज्जत पर आंच नहीं आने देना चाहती थी।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें लड़की को खुद को बचाने के लिए चलती रिक्शा से कूदते देखा जा सकता है। यह वीडियो सामने आने के बाद लोगों का गुस्सा भी भड़क गया है। सोशल मीडिया पर लोग न केवल इस छात्रा की बहादुरी की तारीफ कर रहे हैं, बल्कि लखनऊ जैसे शहर में इस तरह की घटनाओं पर सवाल भी उठा रहे हैं। घटना सामने आते ही पुलिस ने तत्परता दिखाई और छात्रा की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए ई-रिक्शा चालक फैजुल्लागंज निवासी सत्यम सिंह समेत अनुज गुप्ता उर्फ आकाश, रंजीत चौहान और अनिल सिन्हा को गिरफ्तार कर लिया है। डीसीपी क्राइम कमलेश दीक्षित ने जानकारी दी कि सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है। यह मामला सिर्फ एक छात्रा की लड़ाई नहीं है, बल्कि समाज को यह सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर कब तक महिलाएं घर से बाहर निकलते वक्त डर के साये में जिएंगी?