देश में एक बार फिर कोविड-19 ने दस्तक दे दी है। दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में मई के महीने में नए मामलों में इजाफा देखने को मिला है। सबसे हैरानी की बात ये है कि दिल्ली में तीन साल बाद पहली बार 23 कोरोना संक्रमित सामने आए हैं। वहीं मुंबई में अब तक 95 और केरल में 273 मरीजों की पुष्टि हुई है। दिल्ली सरकार ने अस्पतालों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं और ऑक्सीजन सिलेंडर, वैक्सीन व टेस्टिंग किट की व्यवस्था दुरुस्त रखने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने साफ किया है कि मौजूदा वेरिएंट बेहद हल्के लक्षणों के साथ आ रहा है और यह एक सामान्य इन्फ्लूएंजा जैसा ही है। मरीज तीन-चार दिन में ठीक हो जा रहे हैं और अब तक किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड के मामलों में यह हल्का उछाल JN.1 वेरिएंट के कारण हो सकता है, जो ओमिक्रॉन का उप-वेरिएंट है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे फिलहाल ‘चिंताजनक वेरिएंट’ के रूप में वर्गीकृत नहीं किया है। इस वेरिएंट के संक्रमण में बुखार, गले में खराश, थकान और सिरदर्द जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। केरल, महाराष्ट्र और कर्नाटक सरकारों ने अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है और खांसी या श्वसन संबंधित लक्षणों पर तुरंत जांच करवाने को कहा है। गुजरात के अहमदाबाद में भी एक दिन में 20 नए मरीज सामने आए हैं, जिससे कुल संक्रमितों की संख्या 39 हो गई है। वरिष्ठ डॉक्टरों का कहना है कि अभी हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं लेकिन बुजुर्ग, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।