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देहरादून। पूर्व सैनिकों से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसके अनुसार अब पूर्व सैनिकों के आश्रितों के पहचान पत्र के लिए नए मानक लागू कर दिए गए हैं। दरअसल केंद्रीय सैनिक बोर्ड के स्तर से मानकों को संशोधित किया गया है। इसे उत्तराखंड में भी लागू कर दिया गया है। पूर्व सैनिक के आश्रितों को आईकार्ड की वजह से कई लाभ जैसे - सेना कैंटीन से रियायती मूल्य पर सामग्री, ईसीएचएस के जरिए स्वास्थ्य सुविधाएं, राज्य और केंद्र सरकार की विभिन्न अनुदान योजनाओं में सहयोग मिलते हैं।
बताते चलें कि पूर्व सैनिक आश्रित का पहले 5 साल के लिए आई-कार्ड बनाया जाएगा। अब इसके बाद नवीनीकरण तभी होगा जब वो तय शर्तों को पूरा करते हो। बेटे के मामले में आई-कार्ड 25 साल की आयु, बेरोजगार रहने अथवा विवाह होने तक ही बनाया जाएगा। वहीं बेटियों के लिए भी यही नियम लागू होगा। लेकिन बेटियों के लिए अब एक नई श्रेणी भी बनाई गई है। इसके तहत विधवा, तलाकशुदा, परित्यकता बेटियों के आई-कार्ड बनते रहेंगे बशर्तें उनकी मासिक आय 9 हजार रुपये से अधिक न हो।
इसके साथ ही यदि बेटा और बेटी किसी स्थायी बीमारी से पीड़ित, दिमागी अक्षमता और शारीरिक अक्षमता के कारण जीविकोपार्जन में असमर्थ हों तो उनका आई-कार्ड नियमित रूप से बनता रहेगा, लेकिन उनकी मासिक आय 9 हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।