दोहा की ज़मीन पर नीरज चोपड़ा ने भाले से लिखा इतिहास ,90.23 मीटर की दूरी के साथ रचा नया कीर्तिमान

Advertisements Advertisements नीरज चोपड़ा ने आखिरकार वो कर दिखाया जिसका उन्हें सालों से इंतजार था। भारतीय एथलेटिक्स का सबसे चमकता सितारा पहली बार 90 मीटर…

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नीरज चोपड़ा ने आखिरकार वो कर दिखाया जिसका उन्हें सालों से इंतजार था। भारतीय एथलेटिक्स का सबसे चमकता सितारा पहली बार 90 मीटर की दीवार पार करने में कामयाब हो गया। ओलंपिक चैंपियन नीरज ने दोहा में डायमंड लीग मीट के दौरान तीसरे थ्रो में 90.23 मीटर का भाला फेंककर इतिहास रच दिया। इसके साथ ही वह ये कारनामा करने वाले देश के पहले भाला फेंक खिलाड़ी बन गए।

ये मुकाबला कतर की राजधानी दोहा में शुक्रवार की रात हुआ था। पिछली बार जब नीरज डायमंड लीग के फाइनल में उतरे थे तो खिताब जीतने से चूक गए थे। उसके बाद अब पहली बार मैदान में लौटे और आते ही कमाल कर दिखाया। इस बार खास बात ये भी रही कि नीरज नए कोच यान जेलेज्नी की देखरेख में पहली बार उतरे थे। जेलेज्नी खुद तीन बार ओलंपिक और तीन बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुके हैं। उनके नाम दुनिया का सबसे लंबा भाला फेंकने का रिकॉर्ड भी दर्ज है जो 98.48 मीटर है। नीरज ने अब उनके साथ ट्रेनिंग शुरू की और पहली ही प्रतियोगिता में 90 मीटर का आंकड़ा पार कर दिखाया। इससे पहले नीरज की सबसे लंबी छलांग 89.94 मीटर रही थी जो उन्होंने 2022 में स्टॉकहोम में लगाई थी।

नीरज ने पिछला सीजन खत्म होने के बाद अपने कोच को बदला था। वह पहले जर्मनी के क्लॉस बार्टोनीट्ज के साथ काम कर रहे थे जिनके साथ उन्होंने ओलंपिक गोल्ड और वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीता। इसके बाद उन्होंने जेलेज्नी के साथ जुड़ने का फैसला लिया और इसका असर अब दिखने लगा है।

इस बार नीरज पर थोड़ा दबाव भी था। पाकिस्तान के अरशद नदीम को इस इवेंट में शामिल किए जाने को लेकर फैंस ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई थी। इसके बावजूद नीरज ने मैदान में पूरा फोकस बनाए रखा। पहले ही थ्रो में 88.44 मीटर की दूरी तय कर ली और शुरुआत से ही बढ़त ले ली। एंडरसन पीटर्स ने 85.64 मीटर के साथ उनका पीछा किया लेकिन नीरज सबसे ऊपर बने रहे।

दूसरा थ्रो फाउल रहा लेकिन तीसरे थ्रो में नीरज ने जैसे पूरी ताकत झोंक दी। भाला 90.23 मीटर तक जा पहुंचा। ये पल नीरज और देश दोनों के लिए यादगार बन गया। ये वही लक्ष्य था जो वो सालों से पाने की कोशिश कर रहे थे। 2022 में वो बहुत करीब पहुंचे लेकिन रह गए थे। इसके बाद लगातार कोशिशों के बावजूद 90 मीटर पार नहीं कर पाए। इस बार उन्होंने इतिहास में नाम दर्ज करा दिया।

हालांकि मुकाबले के अंत तक वो जीत नहीं पाए। आखिरी थ्रो में जर्मनी के जूलियन वेबर ने 91.06 मीटर की दूरी हासिल कर उन्हें पछाड़ दिया। वेबर ने भी पहली बार 90 मीटर पार किया और इस थ्रो के दम पर मुकाबला जीत लिया। नीरज का आखिरी थ्रो 88.20 मीटर का रहा।

भारत के दूसरे भाला फेंक खिलाड़ी किशोर जेना की शुरुआत कमजोर रही। पहले थ्रो में सिर्फ 68.07 मीटर तक ही पहुंच पाए। दूसरे प्रयास में 78.60 मीटर का थ्रो किया लेकिन आगे बढ़ने में नाकाम रहे और आठवें स्थान पर रहे।

पुरुषों की पांच हजार मीटर दौड़ में भारत की ओर से गुलवीर सिंह ने पहली बार डायमंड लीग में हिस्सा लिया लेकिन वो कुछ खास नहीं कर सके। शुरुआत अच्छी रही और कुछ समय तक चौथे स्थान पर रहे लेकिन अनुभव की कमी और मुकाबले की सख्ती के आगे टिक नहीं पाए। उन्होंने 13 मिनट 24 सेकंड में दौड़ पूरी की और नौवें स्थान पर रहे।

नीरज चोपड़ा ने भले ही पहला स्थान नहीं हासिल किया लेकिन जो मुकाम उन्होंने इस बार छुआ है उसने भारतीय एथलेटिक्स को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।