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राष्ट्रीय प्रेस दिवस: वर्तमान में मीडिया की भूमिका और उसके संकट पर की चर्चा

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पिथौरागढ। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर बुधवार को यहां जिला मुख्यालय में पर्वतीय पत्रकार एसोसिएशन ने एक गोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें तेजी से बदल रहे वर्तमान हालात में मीडिया की भूमिका तथा उसके ऊपर आ रहे संकट व उसके समाधान को लेकर चर्चा की गई। पत्रकारों ने कहा कि जिस प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की स्थापना के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है, दुर्भाग्य से वही प्रेस परिषद अब पत्रकारों के हितों के संरक्षण और पत्रकारिता के उसूलों और मूल्यों में आ रही गिरावट की अनदेखी कर रहा है। ऐसा साफ लगता है कि भारतीय प्रेस परिषद अब सत्ता में बैठे लोगों, बाजार आदि के दबाव में नतमस्तक हो गया है। जिसका असर मीडिया के तमाम माध्यमों और उनसे जुड़े मीडियाकर्मियों पर नकारात्मक रूप से गहराता जा रहा है।

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कहा कि देश में एक स्वतंत्र प्रेस लगातार कमजोर होता जा रहा है जोकि एक स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र के लिए अत्यधिक जरूरी है। इसके अलावा गोष्ठी में पत्रकार हिमांशु जोशी, दीपक कापड़ी ने जिले व तहसील स्तर पर काम करने वाले पत्रकारों को हो रही दिक्कत का मसला उठाया। साथ ही का एक उम्र गुजर जाने के बाद उचित सम्मान के अभाव और आर्थिक परेशानियों की चर्चा की। पत्रकार योगेश पाठक ने सरकारी तंत्र से निराश लोगों की आवाज मीडिया में पहले की अपेक्षा कम होते जाने पर चिंता जताई। और कहा कि इसके चलते हैं पत्रकारों और मीडिया संस्थानों की विश्वसनीयता भी कम होती जा रही है गोष्ठी में कुन्डल चौहान, राजुल पनेरु और संगठन के अध्यक्ष विजय वर्धने उप्रेती ने विचार व्यक्त किए। गोष्ठी में विपिन गुप्ता, राजेश पंगरिया, गौरव बिष्ट, मनोज चंद, अशोक पाठक और दीपक गुप्ता आदि मौजूद थे।

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