खादी और ग्रामोद्योग आयोग से लघु और सूक्ष्म उद्योग लगाने के लिए बिहार में 600 से ज्यादा लोगों ने गलत पते पर लाखों का लोन ले लिया और अब लापता हो गए हैं।
जब 2 साल बाद भी कर्ज वापस नहीं आया तो विभाग ने खोजबीन शुरू की और पता चला कि उन सभी के एड्रेस गलत थे।
इतना ही नहीं कुछ उद्यमी ऐसे भी थे जो कर्ज लेकर घर बैठ गए थे। ना उन्होंने उद्योग लगाए और नहीं कर्ज के पैसे वापस किया। आयोग अब सब की खोज कर रहा है। डाक विभाग को इस छानबीन का काम सौंपा गया है।
डाक विभाग से जांच कराने के बाद खादी और ग्रामोद्योग आयोग के साथ बड़े फर्जीवाड़ा की बात सामने आई है। जांच के दायरे में 3940 उद्यमियों को शामिल किया गया था।
अब तक इसमें 1942 की ही जांच हुई है। इन 1942 में 484 उद्यमी ऐसे हैं, जिन्होंने कर्ज लिया और पैसे दबाकर बैठ गए। वहीं 603 उद्यमियों ने गलत पता और जानकारी देकर राशि हड़प ली। खोजबीन के बाद भी इनका कोई अता-पता नहीं चला।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत लघु और सूक्ष्म उद्योग लगाने के लिए 5 से 10 लख रुपए तक का कर्ज दिया जाता है यह कर्ज खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा 2022 में दिया गया था। जब आयोग कर्ज वापसी के लिए ग्राहकों से संपर्क कर रहा था तब किसी ने जवाब नहीं दिया फिर आयोग ने कर्जदारों की जांच डाक विभाग के बिहार सर्किल को सौंप दिया।
आयोग इस योजना में 10 लाख या उससे अधिक और व्यवसाय सेवा में 5 लाख या उससे अधिक का कर्ज देता है।
डाक विभाग बिहार सर्किल की ओर से भी जांच पूरी नहीं हो पाई। कुल 3940 उद्यमियों ने 1990 की जांच अभी भी चल रही है। इसको लेकर डाक विभाग में एक टीम भी बनाई है विभाग का कहना है कि एक सप्ताह में यह अभियान पूरा हो जाएगा।
इन जिलों में इतने उद्यमियों ने नहीं शुरू किया उद्योग-:
शिवहर – 14
भोजपुर – 67
सीतामढ़ी – 103
सारण – 51
मोतिहारी – 45
रोहतास – 31
लखीसराय – 08
नालंदा – 62
बेतिया – 75
वैशाली – 178
बक्सर – 25
समस्तीपुर – 15
गोपालगंज – 15
नवादा – 49
अररिया – 18
सुपौल – 14
बांका – 04
जहानाबाद – 20
कटिहार – 47
पूर्णिया – 12
सीवान – 22
दरभंगा – 48
भागलपुर – 06
मुजफ्फरपुर – 28
जमुई – 26
पटना – 30
शेखपुरा – 26
कैमूर – 07
मधुबनी – 28
मुंगेर – 07
सहरसा – 09
किशनगंज – 22
खगड़िया – 03
गया – 07
मधेपुरा – 07
औरंगाबाद – 08
बेगूसराय – 05
अरवल – 01