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विधानसभा सत्र के दूसरे दिन बेरोजगारी और भर्ती घोटालों पर विपक्ष ने उठाए सवाल

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देहरादून। आज विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने सरकार से बेरोजगारी और भर्ती घोटाले के मुद्दे पर कई सवाल पूछे। विपक्षी विधायकों ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के पास सबसे अधिक विभाग है लेकिन उनके विभागों का जवाब देने के लिए वक्त कब तय होगा। कांग्रेस नेता भुवन कापड़ी ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में भर्ती पर सवाल उठाते कहा कि यूकेएसएसएससी ने जो भर्तियां कराई, उनमें खुलकर भ्रष्टाचार सामने आया। हमने सीबीआई जांच की मांग की थी जिसके बाद 45 आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई पर केवल तीन महीने में 27 की जमानत हो चुकी है।

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कहा कि अब राज्य लोक सेवा आयोग को परीक्षाओं की जिम्मेदारी दी गई है लेकिन युवाओं को भरोसा नहीं है। कहा कि उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम (उपनल) के माध्यम से विभिन्न विभागों में नियुक्ति कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित नहीं है। कोई ऐसा नियम बनना चहिए जिसमें 10 साल से काम कर रहे लोगों को नियमित किया जाए। खुलकर कहा कि आउटसोर्सिंग एजेंसियों ने उत्तराखंड को लूटने का काम किया है। एक विभाग ब्लैक लिस्ट करता है, दूसरा विभाग उस एजेंसी को काम दे देता है। रोजगार की सुरक्षा को नियमावली बननी चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सदन में बेरोजगारी और भर्ती घोटाले का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भर्ती घोटाले में शामिल लोग सत्ता के करीबी थे। उनकी उच्च अधिकारियों से सांठगांठ थी। सरकार की नीयत साफ नहीं थी। अगर सरकार ईमानदार होती तो सीबीआई जांच कराती। जो घोटाले के मास्टरमाइंड थे, सरकार की लचर पैरवी की वजह से वे जेल से बाहर आ गए।

प्रीतम सिंह ने विधानसभा भर्ती की बात उठानी चाही लेकिन अध्यक्ष ने मना कर दिया। प्रीतम ने कहा कि 8वीं पास कंप्यूटर सहायक हैं और ग्रेजुएशन पास पकौड़े तल रहे हैं। सरकार युवाओं से अपना वादा पूरा नहीं कर रही। आज नौजवान सड़क पर संघर्ष कर रहा है।