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लॉक डाउन (Lock Down): ​पिता के अंतिम दर्शन नहीं कर सका बेटा, विदेश से ऑनलाइन देखा दाह—संस्कार (Cremation)

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा, 27 अप्रैल 2020
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते घोषित लॉक डाउन (Lock Down) कई लोगों के लिए जिंदगीभर की कड़वी यादें छोड़ जा रहा है. ऐसा ही कुछ अल्मोड़ा निवासी कमलेश के साथ भी हुआ. लॉकडाउन (Lock Down)
के चलते कमलेश अपने पिता के अंतिम दर्शन तक नहीं कर सकें और उन्होंने विदेश से ही पिता का आनलाइन दाह—संस्कार (Cremation) देख अपने दिल को तसल्ली दी.

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सोबन सिंह जीना परिसर (s.s.j. campus) के दृश्य कला संकायाध्यक्ष और चित्रकला विभागाध्यक्ष व आंशिक पत्रकार (प्रेस ट्रस्ट आफ इंडिया) प्रो. शेखर चंद्र जोशी (Prof. Shekhar Chandra Joshi) के पिता लीलाधर जोशी उम्र 85 ने बीते शनिवार को यहां लोअर माल रोड, जल निगम कॉलोनी के पास स्थित अपने आवास में अंतिम सांस ली. वह कुछ माह से अस्वस्थ्य चल रहे थे. लेकिन दाह संस्कार में उनके छोटे बेटे कमलेश चंद्र जोशी शामिल नहीं हो पाए.

कमलेश वर्तमान में टोरंटो कनाडा (Canada) में एक निजी कंपनी में प्रबंधक के पद पर कार्यरत है. कमलेश के बड़े भाई प्रो. शेखर जोशी ने बताया कि कमलेश कुछ माह पहले ही कनाडा के लिए लौटे थे. लॉक डाउन के चलते वह पिता के अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हो सके. ​उन्होंने विदेश से ही आनलाइन माध्यम से पिता का दाह संस्कार देखा.

कमलेश चंद्र जोशी फोटो— उत्तरा न्यूज

लॉक डाउन (Lock Down) के चलते अपने पिता के अंतिम दर्शन नहीं कर पाने व उनकी चिता को मुखाग्नि नहीं दे पाने की कसक कमलेश के दिल में रह गई. यही नहीं यह लॉक डाउन (Lock Down) कमलेश के जिंदगीभर के लिए कुछ कड़वी यादें छोड़ गया.

कमलेश जब​ 6 माह के थे उनकी माता स्व. पार्वती देवी का निधन हो गया था. बचपन से वह पिता के लाड़ प्यार में पलकर बड़े हुए लेकिन नियति ने ऐसा खेल खेला कि ​उसी पिता के अंतिम दर्शन नहीं कर सके.

स्व. लीलाधर जोशी अपने पीछे दो पुत्र, दो पुत्रियों समेत भरापूरा परिवार छोड़ गए है. वह पुलिस रेडियो केंद्र अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त थे. लॉक डाउन (Lock Down) के नियमों को ध्यान में रखते हुए यहां विश्वनाथ घाट में उनकी अंत्येष्टि की गई. उनके निधन पर एसएसजसे परिसर के शिक्षकों, पत्रकारों समेत कई सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने शोक जताया है.