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BJP Candidates List: जानिए आखिर पीलीभीत से क्यों कटा वरुण गांधी का टिकट, क्या आप जानते हैं केदारनाथ मंदिर की वह कहानी

Smriti Nigam
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BJP Candidates List: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने रविवार को अपने 111 उम्मीदवारों की पांचवी लिस्ट भी जारी कर दी है। इस लिस्ट में कंगना रनौत,अरुण गोविल और नवीन जिंदल जैसे कई चर्चित नाम शामिल है। लिस्ट जारी होने से पहले जिस बात के बारे में अनुमान लगाया जा रहा था वह सच भी हुआ।

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भाजपा ने पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट काट दिया उन्हें पार्टी लाइन से हटकर बोलने की सजा दी गई है। बीजेपी ने यूपी की सुल्तानपुर लोकसभा सीट से मेनका गांधी पर एक बार भरोसा दिखाया जबकि पीलीभीत से वरुण गांधी की टिकट काटकर जितिन प्रसाद को यहां कैंडिडेट बनाया है। वही धारावाहिक रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को भाजपा ने उत्तर प्रदेश के मेरठ से उम्मीदवार के रूप में उतारा है। कांग्रेस से बीजेपी में आए नवीन जिंदल को भी कुरुक्षेत्र से टिकट दिया गया है।

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केदारनाथ घाटी की वो मुलाकात

वरुण गांधी पिछले कुछ सालों से कई मौको पर केंद्र और उत्तर प्रदेश में पार्टी की सरकारों की आलोचना करते रहे हैं। 2021 में वरुण गांधी ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में जवाब देही तय करने और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग करने वाली टिप्पणी के बाद भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया था। एक घटना केदारनाथ घाटी में भी हुई जब राहुल गांधी और वरुण गांधी बाबा के दर्शन करने के बाद एक दूसरे से मिले।

इस साल की शुरुआत में यह भी खबरें आ रही थी कुछ महीने से उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर में अपने चचेरे भाई और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद वरुण गांधी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। दोनों भाइयों के बीच हुई यह मुलाकात बीजेपी को अच्छी नहीं लगी। उसे समय चर्चा यह भी थी कि वरुण कभी भी बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे।

योगी आदित्यनाथ सरकार से पूछे कड़े सवाल

पिछले साल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर स्पष्ट रूप से कटाक्ष करते हुए वरुण गांधी ने लोगों को सलाह दी थी कि किसी नजदीकी साधु को परेशान ना करें क्योंकि कोई नहीं जानता कि महाराज जी कब मुख्यमंत्री बनेंगे। सितंबर 2023 में उन्होंने एक मरीज की मौत के बाद अमेठी के संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित करने पर उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार का उपहास भी किया था।

जितिन प्रसाद को पीलीभीत से मैदान में उतारा गया

कभी राहुल गांधी के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक माने जाने वाले जितिन प्रसाद ने यह कहा था कि उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी है क्योंकि उन्हें अनदेखा किया जा रहा था। जितिन प्रसाद ने 2004 में राहुल गांधी के साथ अपना चुनावी सफर शुरू किया था। राहुल गांधी ने अमेठी के लोकसभा चुनाव को जीता जबकि जितिन प्रसाद ने शाहजहांपुर सीट जीती थी। इसके बाद उनके पिता जितेंद्र प्रसाद चार बार जीत चुके हैं। वह 2008 में मनमोहन सिंह सरकार में सबसे युवा मंत्रियों में से एक थे जिस दिन प्रसाद ने 2009 में धौरारा सीट से अपना दूसरा लोकसभा चुनाव जीता और मनमोहन सिंह की दूसरी सरकार में विभिन्न विभागों को संभाला।