अपने मां, बाप और भाई को मरवाने के लिए शख्स ने क्यों दिए 65 लाख रुपए? लाशों को देखकर पुलिस के भी उड़ गए होश

Smriti Nigam
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Karnataka Contract Killing Case For Property: पैसे और प्रॉपर्टी के लिए हर एक शख्स अपनों का कातिल बन जाता है। अपने ही घर में वह हैवानियत का खौफनाक खेल जाता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां रिश्तो को तार तार कर दिया गया है। उसने अपने ही घर में हैवानियत का वह खौफनाक खेल खेला कि खून से सनी दीवारें और फर्श पर पड़ी लाशें देखकर पुलिस वालों का भी दिल दहल गया।

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पुलिस ने कॉन्ट्रैक्ट किलिंग केस के मास्टरमाइंड समेत 8 हत्या आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

मास्टरमाइंड 35 वर्षीय विनायक प्रकाश बकाले जिसने अपनी मां पिता और भाई को मारने के लिए 65 लाख की सुपारी दी थी लेकिन सही पहचान नहीं होने से कांट्रेक्ट किलर उसके भाई और तीन अन्य रिश्तेदारों को मार कर चले गए और मां-बाप बच गए। विनायक ने पुलिस को कांट्रेक्ट किलिंग की पूरी कहानी सुनाईं और बताया कि उसने कैसे और क्यों कांट्रेक्ट किलिंग को अंजाम दिया।

कौन थे मृतक और कौन हैं हत्यारोपी?

बताया जा रहा है की मृत्यु को की पहचान 27 वर्षीय कार्तिक बकाले, जो विनायक का भाई थी और उसकी शादी तय हो चुकी थी। 55 वर्षीय परशुराम हादीमनी, 45 वर्षीय पत्नी लक्ष्मी हादीमनी और 16 वर्षीय बेटी आकांक्षा हादीमानी कार्तिक की शादी में शामिल होने के लिए आए थे। कार्तिक और विनायक भाजपा नेता और कर्नाटक के गड़ग-बेतागिरी शहर की नगर पालिका के उपाध्यक्ष प्रकाश बकाले के बेटे थे। प्रकाश बकाले और उनकी पत्नी सुनंदा बकाले बचने वालों में शामिल हैं।

बताया जा रहा है कि विनायक के अलावा गिरफ्तार किए गए अन्य सात आरोपियों की पहचान 29 वर्षीय फैराजी काजी, 24 वर्षीय जिशान काजी, 19 वर्षीय साहिल अश्फाक काजी, 19 वर्षीय सोहेल अश्फाक काजी, 23 वर्षीय सुल्तान जिलानी शेख, 21 वर्षीय महेश जगन्नाथ सालुंके, 21 वर्षीय वाहिद लियाकत बेपारी के रूप में हुई। इनमें साहिल और सोहेल जुड़वा भाई हैं, जो महाराष्ट्र के सांगली जिले के मिराज इलाके के रहने वाले हैं। फैराजी ने आरोपियों को गाड़ियां और हथियार उपलब्ध कराए थे।

क्यों रची गई अपनों की हत्या की साजिश?

रिपोर्ट के अनुसार प्रकाश बकाले के घर में प्रॉपर्टी का विवाद चल रहा था। पुलिस को जानकारी मिली कि प्रकाश पूरी प्रॉपर्टी कार्तिक को देना चाहते हैं क्योंकि विनायक कर रवैया और चाल चलन ठीक नहीं था। इस वजह से विनायक काफी गुस्से में था। इसलिए उसने मां-बाप और भाई को मारने की साजिश रची। यह बात तब पता चली जब पुलिस को वारदात के बाद तलाशी लेने पर घर में रखा कैश और गहना सही सलामत मिले। ऐसे में पुलिस को शक हुआ की हत्या चोरी के लिए नहीं हुई है बल्कि इसके पीछे किसी और का हाथ है और पूछताछ में फिर विनायक ने अपना गुनाह कबूल किया।

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