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जेएनयू में तमाम जोर आजमाइश के बाद वाम छात्र संगठनो की हैट्रिक , एबीवीपी दूसरे नंबर पर

उत्तरा न्यूज डेस्क
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जेएनयू में तमाम जोर अजमाइस के बाद वाम छात्र संगठन की हैट्रिक , एबीवीपी दूसरे नंबर पर

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दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनावों के परिणाम घोषित हो गए हैं । चुनावों के दौरान तमान जोर आजमाइश के बाद वामपंथी संगठनों ने चारों सीटों पर जीत दर्ज की है| जबकि पहली बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) सभी सीटों पर दूसरे स्थान पर रही। यहां लगातार तीसरी बार वामपंथ संगठनों के गठबंधन ने चारों पदों पर जीत हासिल की है। यहां 2015 में संयुक्त सचिव पद पर एबीवीपी के उम्मीदवार को सफलता हासिल मिली थी, अन्य पर वामपंथी संगठनों को सफलता मिली थी। रविवार दोपहर में वामपंथ छात्र संगठनों के जीत की घोषणा होती ही समर्थक खुशी से झूम उठे। समर्थकों ने इस मौके पर एक-दूसरे को रंग लगाकर और अपने झंडे लहराकर खुशी मनाई। साथ ही कैंपस में विजयी जुलूस भी निकाला। इससे पूर्व शनिवार को मतगणना के दौरान भारी हंगामे और छात्र संगठनों के बीच झड़प के बाद रविवार दोपहर को जेएनयू छात्रसंघ चुनाव 2018 की मतगणना पूरी कर ली गई। इन चुनावों में राजनैतिक दलों ने भी खूब जोर लगाया था| यही नहीं सत्ता का दुरुपयोग के आरोप भी छात्र संगठनों की ओर से लगाए गए थे|
इससे पहले 2016 और 2017 में चारों पदों पर वामपंथ छात्र संगठनों के गठबंधन ने जीत दर्ज की थी। 2015 में संयुक्त सचिव पद पर एबीवीपी के उम्मीदवार ने जीत हुई थी। अन्य पदों पर वामपंथ छात्र संगठन ने जीत हासिल की।

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एबीवीपी चारों पदों पर दूसरे स्थान पर रही। इस बार उसका वोट प्रतिशत भी बढ़ गया है| वामपंथी छात्र संगठनों में में आइसा, डीएसएफ और एआईएसएफ जैसे संगठनों ने एक साथ अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव एवं संयुक्त सचिव पदों पर चुनाव लड़ा। रविवार को परिणाम घोषित होते ही जेएनयू में वामपंथी छात्र संगठनों के पैनल में खुशी की लहर फैल गई। वामपंथी संगठनों के समर्थकों ने इस मौके पर एक-दूसरे को रंग लगाकर और अपने झडे लहराकर खुशी मनाई। साथ ही कैंपस में विजयी जुलूस भी निकाला।

ये हैं विजेता 
अध्यक्ष पद – एन साई बालाजी
बालाजी मूल रूप से हैदराबाद से सटे एक छोटे से गांव के रहनेवाले हैं। उनके पिता सिविल इंजीनियर हैं। उन्होंने एमए एवं एमफिल की पढ़ाई जेएनयू से की है। अभी जेएनयू में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से पीएचडी कर रहे हैं। वह 2014 से अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) से जुड़े हैं।
उपाध्यक्ष पद – सारिका चौधरी
सारिका 2012 से छात्र राजनीति में सक्रिय हैं। वह मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली हैं। उन्होंने जेएनयू से जर्मन भाषा में बीए किया है। उन्होंने कहा कि शनिवार को एबीवीपी की तरफ से जेएनयू छात्रसंघ चुनाव की मतगणना को बाधा पहुंचाने की कोशिश की गई, लेकिन वह नाकाम रहे।

महासचिव पद – एजाज अहमद राथेर
कश्मीर के कुलगाम के रहने वाले एजाज 2012 से छात्र राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने कश्मीर के अनंतनाग से बीए की पढ़ाई की है। जामिया मिलिया इस्लामिया से इतिहास में एमफिल की पढ़ाई की। अब जेएनयू में इतिहास में ही पीएचडी कर रहे हैं।

संयुक्त सचिव – अमुथा जयदीप
अमुथा मूल रूप से केरल की रहने वाली हैं। वह छात्र राजनीति में 2009 से सक्रिय हैं। उन्होंने जेएनयू से एमए, एमफिल की हैं। वह अभी जेएनयू के सेटर फॉर मेडिसन एंड कम्युनिटी हेल्थ से पीएचडी कर रही हैं।

गिने गए वोट – 5170

कुल वोट – 7600

केंद्रीय पैनल (अध्यक्ष ) एन. साई बालाजी (वाम)-2161

ललित पाण्डेय (एबीवीपी)-982

थल्लापल्ली प्रवीण (बापसा)-675

जयंत कुमार जिज्ञासु (छात्र राजद)-540

विकास यादव (एनएसयूआइ)-402

साइब बिलावल (स्वतंत्र)-125

जाहनु कुमार हीर (स्वतंत्र)- 32

निधि मिश्रा (सवर्ण छात्र मोर्चा)-59

नोटा- 128 उपाध्यक्ष

सारिका चौधरी (लेफ्ट यूनिटी)- 2592

गीता बरुआ (एबीवीपी)- 1012

पूर्णचंद्रा नाईक (बापसा)-644

एलके बाबू (एनएसयूआइ)- 457

नोटा- 288 महासचिव

एजाज अहमद राथेर (लेफ्ट)-2423

गणेश गुर्जर (एबीवीपी)- 1123

मो. मोफिजुल आलम (एनएसयूआइ)-328

विशंभरनाथ प्रजापति (बापसा)-827

नोटा- 388 संयुक्त सचिव

अमुथा जयदीप (लेफ्ट)- 2047

वेंकट चौबे (एबीवीपी)-1247

कनकलता यादव (बापसा)- 689

नगुरंग रीना (एनएसयूआइ)- 772

नोटा-144