भारत ने पाकिस्तान को जाने वाला चिनाब नदी का पानी रोक दिया, मंत्री ने कहा- अब एक भी बूंद नहीं जाने देंगे

Advertisements Advertisements भारत ने 24 अप्रैल, 2025 को एक बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया।…

n66181766417456495090660a61b16c6f55561800b4e9fddf1dc1c9577f16520813ed9167099bfcdc21e8d5
Advertisements
Advertisements

भारत ने 24 अप्रैल, 2025 को एक बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया। यह फैसला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के कारण लिया गया। इस कदम के तहत, भारत ने चिनाब नदी का पानी पाकिस्तान की ओर जाने से रोक दिया है, जिसका असर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में महसूस हो रहा है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने बताया कि सरकार की योजना है कि वह यह सुनिश्चित करें कि भारत से पानी की एक भी बूंद पाकिस्तान में न जाए।

इस फैसले के बाद, पाकिस्तान के सियालकोट और पंजाब के अन्य हिस्सों में चिनाब नदी का पानी तेजी से घट गया है। यह नदी पाकिस्तान के कृषि और पेयजल आपूर्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। भारत सरकार का कहना है कि पाकिस्तान द्वारा लगातार आतंकवाद को बढ़ावा देने और सीमा पार से घुसपैठ की वजह से यह कदम उठाया गया है। सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि अब पाकिस्तान को इस संधि का कोई लाभ नहीं मिलेगा।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद जल शक्ति मंत्री पाटिल ने कहा कि सरकार ने रणनीति तैयार की है ताकि भारत से कोई भी पानी पाकिस्तान में न जाने पाए। पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई निर्देश जारी किए हैं, और इस बैठक में उन निर्देशों को लागू करने के लिए सुझाव दिए गए। इस फैसले के बाद, भारत ने पाकिस्तान को इसकी जानकारी दे दी है और कहा है कि यह निर्णय पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के कारण लिया गया है।

पाकिस्तान ने भारत के इस कदम की कड़ी निंदा की है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार दिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का यह कदम सिंधु जल संधि का उल्लंघन है और इससे दोनों देशों के रिश्तों में तनाव और बढ़ेगा। पाकिस्तान ने यह भी कहा है कि वह इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाएगा।

सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित हुई थी, जिसमें दोनों देशों के बीच नदी जल के बंटवारे को लेकर समझौता किया गया था। इसके तहत, भारत को पूर्वी नदियों का उपयोग करने का अधिकार था, जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों, जैसे सिंधु, झेलम और चिनाब का उपयोग करने का अधिकार मिला था। हालांकि, पिछले कुछ सालों में भारत ने इन नदियों पर जलविद्युत परियोजनाएं शुरू की थीं, जिन पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई थी।

भारत का कहना है कि सिंधु जल संधि को निलंबित करना राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक आवश्यक कदम था। सरकार ने संकेत दिया है कि अब चिनाब और अन्य नदियों के पानी का उपयोग जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों में सिंचाई, बिजली उत्पादन और पेयजल आपूर्ति के लिए किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर के स्थानीय नेताओं ने इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि अब चिनाब का पानी उन लोगों के बजाय भारतीय नागरिकों और किसानों के लिए उपयोग किया जाएगा जो आतंकवाद का समर्थन करते हैं।