उत्तराखंड में इस बार मानसून वक्त से पहले ही अपना असर दिखा चुका है और इसकी शुरुआत ही मुश्किलें लेकर आई है। चमोली जिले के पीपलकोटी इलाके में अचानक तेज बारिश होने लगी जिससे हालात बेकाबू हो गए। देखते ही देखते मंगनी गदेरा नाम का एक बरसाती नाला उफान पर आ गया और इस नाले का पानी सड़क पर फैल गया। नतीजा ये हुआ कि बद्रीनाथ हाईवे पर कई गाड़ियां जहां की तहां फंस गई। मौके पर अफरातफरी मच गई और लोगों में डर का माहौल बन गया।
प्रशासन को जैसे ही इसकी जानकारी मिली टीम मौके पर पहुंची और फंसी हुई गाड़ियों को निकालने में मदद की। जिस तरह से मंगनी गदेरा में अचानक पानी और मलबा आया उसे देखकर स्थानीय लोगों को बादल फटने की आशंका लग रही है। पीपलकोटी के अलावा जोशीमठ और औली जैसे टूरिस्ट प्लेस भी तेज बारिश की चपेट में आ गए। अचानक आई बारिश से आम लोगों के साथ ही यहां घूमने आए सैलानी भी परेशान हो गए।
औली में तो महज पांच मिनट की बारिश ने ही हालात बिगाड़ दिए। सड़कें पानी से भर गई और लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। मई महीने में इतनी तेज बारिश होना अपने आप में चिंता की बात बन गई है क्योंकि आमतौर पर उत्तराखंड में मानसून जून के तीसरे हफ्ते में दस्तक देता है। लेकिन इस बार मौसम ने अपना मिजाज पहले ही बदल लिया है।
इसी को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है। देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने येलो अलर्ट घोषित किया है। चमोली रुद्रप्रयाग उत्तरकाशी बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में तेज बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है। इसके साथ ही इन इलाकों में तेज हवाएं चलने का भी अंदेशा जताया गया है।
स्थानीय लोगों और यात्रियों को नालों और नदियों से दूर रहने को कहा गया है। मौसम विभाग का कहना है कि प्री मानसून सीजन में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज हुई है और आने वाले दिनों में ये सिलसिला और तेज हो सकता है। इससे पहाड़ों में भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाओं का खतरा बना रहेगा।
फिलहाल राहत की बात ये है कि अभी तक किसी की जान को नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन अगर बारिश इसी तरह जारी रही तो मुश्किलें बढ़ना तय है। मौसम विभाग लगातार अपडेट दे रहा है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की जा रही है।