देशभर में लाखों लोग रोज यूपीआई से लेनदेन करते हैं। लेकिन अब इस सुविधा में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। जिसे जानना सबके लिए जरूरी है। क्योंकि आने वाले दिनों में आपको बैलेंस चेक करने और कुछ दूसरी सेवाओं को लेकर नई सीमाओं का सामना करना पड़ेगा। और ये सब नियम पहली अगस्त से लागू हो जाएंगे।
दरअसल अब ऐसा नहीं होगा कि आप दिन भर में जितनी बार चाहे उतनी बार अपना बैलेंस चेक कर लें। अब आपको सिर्फ पचास बार ही एक ऐप से बैलेंस देखने की इजाजत होगी। यानी अगर आपके फोन में दो यूपीआई ऐप हैं जैसे एक पेटीएम और दूसरा फोनपे। तो दोनों पर आप अलग अलग पचास बार तक बैलेंस देख सकते हैं। लेकिन एक ऐप पर इससे ज्यादा बार ऐसा करना मुमकिन नहीं होगा। और अगर आपने ये लिमिट पार कर ली तो फिर उस दिन उस ऐप से बैलेंस देखने की सुविधा बंद हो जाएगी।
इतना ही नहीं अब जो लोग बार बार खाते से जुड़े डिटेल्स देखते हैं। उन्हें भी ध्यान देना होगा। क्योंकि अब किसी भी एक यूपीआई ऐप से आप दिन में पच्चीस बार से ज्यादा ये नहीं देख पाएंगे कि आपके नंबर से कौन कौन से बैंक खाते जुड़े हैं। और ये भी तभी मुमकिन होगा जब आप खुद बैंक को चुनकर इसकी इजाजत देंगे। वरना ये सुविधा अपने आप दोबारा नहीं मिलेगी।
नए नियमों में ये भी कहा गया है कि सुबह दस बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक और शाम पांच से रात साढ़े नौ बजे तक बैलेंस चेक करने जैसी रिक्वेस्ट को या तो रोका जाएगा या फिर इन पर रोक लगाई जाएगी। क्योंकि इन घंटों में सबसे ज्यादा ट्रैफिक रहता है। और कई बार सर्वर डाउन होने की समस्या आती है। जिसे एनपीसीआई अब कंट्रोल करना चाहता है। ताकि सर्विस बिना रुके चलती रहे।
अब बैंकों पर भी जिम्मेदारी बढ़ा दी गई है। उन्हें हर साल एक बार अपने पूरे सिस्टम का ऑडिट करवाना होगा। और पहली ऑडिट रिपोर्ट उन्हें इकतीस अगस्त दो हजार पच्चीस तक जमा करनी होगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि ये तय हो सके कि बैंक सही तरीके से यूपीआई सेवाओं को चला रहे हैं या नहीं।
एनपीसीआई ने ये भी साफ किया है कि कुल दस तरह की सुविधाएं हैं। जिनमें से सिर्फ एक सुविधा ऑटोपे मैंडेट को लेकर है जो फाइनेंशियल है। बाकी नौ सेवाएं नॉन फाइनेंशियल हैं। इस वजह से पैसे भेजने या लेने जैसी यूपीआई की आम सेवाओं पर किसी भी तरह की रोक नहीं होगी।