उत्तराखंड में फिर से कोरोना को लेकर हलचल बढ़ गई है। देश के कई हिस्सों में नए वेरिएंट के मामले बढ़ने के बाद अब यहां भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को सख्त निर्देश दिए हैं कि अगर किसी मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसकी जीनोम जांच हर हाल में कराई जाए। इसके पीछे वजह यह है कि नए वेरिएंट की पहचान जल्दी हो सके और समय रहते इलाज शुरू किया जा सके।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉक्टर सुनीता टम्टा ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं। दरअसल हाल ही में केंद्र सरकार ने भी सभी राज्यों को अलर्ट रहने को कहा था। जिसके बाद उत्तराखंड सरकार ने अपनी तैयारी शुरू कर दी। सचिव स्वास्थ्य डॉक्टर आर. राजेश कुमार ने अफसरों के साथ बैठक की और सभी को जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए।
इसके बाद से अस्पतालों में सतर्कता और बढ़ा दी गई है। अब लक्षण वाले मरीजों की जांच पहले से ज्यादा सतर्कता से की जा रही है। और अगर किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसकी जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जा रही है। इसके अलावा कोविड के हर मामले की जानकारी तुरंत शासन को भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं।
सरकार ने सभी अस्पतालों को चौकन्ना रहने को कहा है। क्योंकि जो नया वेरिएंट सामने आ रहा है उसके लक्षण काफी हद तक फ्लू से मिलते जुलते हैं। लेकिन असर खतरनाक हो सकता है।
जिलों के सीएमओ को आदेश दिए गए हैं कि सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कोविड जांच के लिए सारी व्यवस्थाएं रखी जाएं। जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि जो भी मरीज फ्लू या सांस की बीमारी से पीड़ित होगा, उसकी कोरोना जांच अनिवार्य रूप से की जाए।
सभी जांच का डेटा आईएचआईपी प्लेटफॉर्म पर दर्ज किया जाए। साथ ही सभी अस्पतालों को आइसोलेशन वार्ड चिह्नित करने और फ्लू क्लीनिक चालू रखने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी संदिग्ध मरीज को तुरंत आइसोलेट कर इलाज शुरू किया जाए। हल्के लक्षण वाले मरीजों को घर पर आइसोलेट करने और उनकी हालत पर लगातार नजर रखने के लिए भी कहा गया है।
अगर किसी मरीज की हालत गंभीर हो तो उसे फौरन अस्पताल रेफर किया जाए। किसी भी क्षेत्र में अगर कोरोना या फ्लू जैसे लक्षणों वाले मरीजों की संख्या बढ़ती है तो उस क्षेत्र में क्लस्टर की तरह इलाज और रोकथाम के उपाय लागू किए जाएंगे।
सरकार ने सभी अस्पतालों को दवाएं, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और जरूरी उपकरण तैयार रखने के लिए भी कहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मनोज कुमार शर्मा ने गुरुवार को राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान और नयागांव पेलियो, सेलाकुई के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। सेलाकुई के संस्थान में उन्होंने कॉल सेंटर की गतिविधियों का जायजा लिया और कर्मचारियों से मरीजों के साथ संवेदनशील व्यवहार करने को कहा।
टिहरी में बनने जा रहे मेडिकल कॉलेज को लेकर भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस कॉलेज का निर्माण टीएचडीसी की मदद से किया जाएगा और तीन साल में यह तैयार कर लिया जाएगा। इसके बाद सरकार भवन अपने पास लेगी और वहां डॉक्टर व स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी।
देहरादून और हल्द्वानी जैसे बड़े शहरों में आने वाले मरीजों के तीमारदारों को ध्यान में रखते हुए अब अस्पतालों के पास रैन बसेरे बनाए जाएंगे। देहरादून में कचहरी के पास की जमीन दून अस्पताल को सौंपी जा रही है। सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि सरकार लगातार अस्पतालों की सुविधाएं बेहतर करने और लोगों को राहत देने की दिशा में काम कर रही है।