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नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उत्तराखंड परिवहन निगम के चालक-परिचालकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के 22 सितंबर के आदेश पर रोक लगा दी है। मामले के अनुसार, देहरादून निवासी भगवान सिंह, सुभाष चंद्र बडोला, जगमोहन, राजेंद्र कुमार सहित लगभग 20 अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि परिवहन निगम में विभागीय कार्य करने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने पर विभागीय बोर्ड के निरीक्षण के बाद उनसे मूल पद के इतर काम करवाए गए हैं अतः उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति से बाहर किया जाए।
जानकारी के अनुसार 22 सितंबर 2022 को आदेश पारित कर कहा गया था कि ऐसे चालक परिचालक एवं अन्य कर्मचारी जिनकी उम्र 55 वर्ष से ऊपर हो गई है और कार्य करने में सक्षम नहीं हैं, वे 23 दिसंबर 22 को अनिवार्य सेवानिवृत्त होंगे। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता विभागीय कार्य के दौरान वाहन का संचालन करने पर दुर्घटनाग्रस्त हुए थे। जिससे उन्हें चोटें आई थीं। बोर्ड के निरीक्षण के बाद सभी याचिकाकर्ताओं को अक्षम घोषित किया गया और अपने मूल पद पर कार्य नहीं कर पाने के कारण उनसे अलग-अलग पदों पर कार्य करवाया गया।