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नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को बड़ा आदेश देते हुए अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि एसआईटी सही जांच कर रही है और किसी वीआईपी को नहीं बचाया जा रहा है। एसआईटी की जांच पर संदेह नहीं किया जा सकता है। इसलिए सीबीआई से जांच कराने की आवश्यकता नहीं है।
बताते चलें कि इस आदेश से पहले हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा था कि आपको एसआईटी की जांच पर क्यों संदेह हो रहा है? वहीं अकिता की मां सोनी देवी और पिता बीरेंद्र सिंह भंडारी ने बेटी को न्याय दिलाने एवं दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने को लेकर याचिका में अपना प्रार्थना पत्र भी दिया था।
उन्होंने प्रार्थना पत्र में कहा था कि एसआईटी मामले की जांच में लापरवाही कर रही है। इसलिए जांच सीबीआई से कराई जाए। सरकार इस मामले में शुरुआत से ही किसी वीआईपी को बचाना चाह रही है। सबूत मिटाने के लिए रिजॉर्ट से लगी फैक्टरी को भी जला दिया गया। जबकि वहां पर कई सबूत मिल सकते थे। याचिका में आरोप लगाया गया था कि सरकार ने किसी को बचाने के लिए जिलाधिकारी का स्थानान्तरण तक कर दिया और उन पर इस केस को वापस लेने के लिए लिए दवाब डाला जा रहा है।