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पिथौरागढ़: गुलदार के हमले में मारे गए युवक के परिजनों को नहीं मिला मुआवजा, डीएफओ को सौंपा मांगपत्र

Newsdesk Uttranews
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guldaar ke hamle me mari gye yuvak ke parijano ko nahi mila muaavaja

पिथौरागढ़, 13 अक्टूबर 2020
जिला मुख्यालय के नजदीक ग्राम सुकौली में गुलदार के हमले में मारे गए व्यक्ति के परिजनों को मुआवजा नहीं दिए जाने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रोष जताया है।
इस संबंध में मंगलवार पूर्व विधायक मयूख महर के नेतृत्व में मृतक के परिजन और कांग्रेस कार्यकर्ता डीएफओ कार्यालय पहुंचे और परिजनों को मुआवजा दिए जाने को लेकर मांगपत्र सौंपा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक सप्ताह में मुआवजा नहीं दिए जाने पर डीएफओ कार्यालय का घेराव करने की भी चेतावनी दी है।
पिछले महीने की 20 सितंबर की रात को ग्राम सुकौली में युवक भूपेंद्र सिंह सौन को गुलदार ने हमला कर मार डाला था। वह मूल रूप से ग्राम मढ़ेगांव, लेलू तहसील पिथौरागढ़ का रहने वाला था।
मंगलवार को पूर्व विधायक महर के नेतृत्व में मृतक भूपेंद्र सिंह के भाई ललित सिंह और मोहन सिंह ने डीएफओ पिथौरागढ़ को संबोधित ज्ञापन कार्यालय में सौंपा। ज्ञापन में कहा कि मृतक भूपेंद्र के परिवार में उनके वारिस वह दोनों भाई हैं, उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब है और मृतक के अंतिम संस्कार सहित अन्य प्रक्रियाओं को संपन्न कराने में उन्हें अत्यधिक आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। ऐसे में जल्द उचित मुआवजा ले जाने की मां की गई है वही, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जल्द मुआवजा न दिए जाने पर डीएफओ कार्यालय का घेराव करने की चेतावनी दी है।
इधर पिथौरागढ़ वन प्रभाग के रेंजर दिनेश जोशी का कहना है कि सुकौली में गुलदार के हमले में मारे गए युवक के बारे में जानकारी सामने आई थी कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है। उन्होंने माग पत्र डीएफओ को प्रेषित कर दिया है, लेकिन क्योंकि मुआवजा दिए जाने में कई बिंदुओं को ध्यान में रखा जाता है और विभागीय नियमावली में यह स्पष्ट उल्लेख है कि जंगली जानवर के हमले में मारा गया व्यक्ति यदि मानसिक रूप से विक्षिप्त है तो उस मामले में मुआवजा सामान्य तौर पर नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि अभी यह जांच का विषय है कि क्या वह युवक विक्षिप्त था और उस पर निर्भर कोई उसके परिवार में अभी मौजूद है या नहीं।
जांच में यह भी देखा जाएगा कि वह युवक अपने क्षेत्र लेलू से दूर सुकौली क्यों गया था और क्या उसके परिवार ने उसे एकदम छोड़ रखा था।
रेंजर जोशी ने यह भी बताया कि पिछले महीने ही चंडाक क्षेत्र में गुलदार द्वारा किए गए दो हमलों के मामले में अभी मुआवजा नहीं दिया जा सका है। पीड़ितों को अभी सिर्फ तात्कालिक राहत राशि दी गई है।
गौरतलब है कि इन दो घटनाओं में से एक में करीब 12 साल की बच्ची ने जान गंवाई थी जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसे उपचार के लिए हल्द्वानी भेजा गया था।

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