ज़रा सोचकर देखिए, अभी मोटापे के लिए जो दवाएं उपलब्ध हैं, उनमें से ज़्यादातर इंजेक्शन के ज़रिए दी जाती हैं और उनकी कीमत भी आसमान छूती है। आम आदमी के लिए उन्हें खरीदना या रोज़ इंजेक्शन लेना अक्सर मुश्किल होता है। लेकिन RenaissThera ने यहीं पर बाज़ी मार ली है! उन्होंने हमारे शरीर में मौजूद GIPR (ग्लूकोज-डिपेंडेंट इंसुलिनोट्रॉपिक पॉलिपेप्टाइड रिसेप्टर) नाम के एक खास प्रोटीन को निशाना बनाया है। ये GIPR हमारे वज़न और उससे जुड़ी बीमारियों में बड़ी भूमिका निभाता है।
RenaissThera अब इसी GIPR पर असर करने वाली ऐसी ओरल (यानी, मुंह से ली जाने वाली) छोटी मॉलीक्यूल वाली दवाएं बना रही है, जो मौजूदा पेप्टाइड-आधारित ट्रीटमेंट्स के मुकाबले कहीं ज़्यादा सस्ती होंगी। इसका सीधा मतलब है कि अब ज़्यादा से ज़्यादा लोग इस गंभीर बीमारी का इलाज करवा पाएंगे, बिना जेब ज़्यादा ढीली किए।
- इस्तेमाल करने में भी बहुत आसान: इंजेक्शन की सुई से छुटकारा और गोली लेना कहीं ज़्यादा सुविधाजनक होगा।
- ये पहल खासकर उन लोगों के लिए बहुत अहम है जो मोटापे से जूझ रहे हैं, लेकिन इलाज की ज़्यादा लागत या इंजेक्शन के झंझट से बचने के लिए पीछे हट जाते हैं। ज़ाहिर है, इस तरह की दवा की ज़रूरत बहुत बड़ी है, क्योंकि माना जा रहा है कि 2032 तक मोटापे से जुड़ा वैश्विक बाज़ार का आकार $38 बिलियन तक पहुंच जाएगा। ऐसे में यह खोज वाकई गेम चेंजर साबित हो सकती है।
कैसे काम करती है ये अनोखी दवा? AI और मशीन लर्निंग का है कमाल!
आपको जानकर और भी हैरानी होगी कि इन दमदार ओरल मॉलीक्यूल्स को बनाने में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और मशीन लर्निंग जैसी आधुनिक तकनीकों का हाथ है! RenaissThera ने अपने खुद के AI-आधारित प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके इन मॉलीक्यूल्स को बेहद तेज़ी से डिज़ाइन किया और फिर उनकी जांच की।
शुरुआती टेस्ट के नतीजे भी बेहद शानदार रहे हैं:
- लैब में (इन-विट्रो): सेल लाइनों पर जब इन दवाओं को टेस्ट किया गया, तो उन्होंने कमाल का असर दिखाया।
- जानवरों पर (इन-वाइवो): चूहों पर किए गए टेस्ट में भी इन मॉलीक्यूल्स के बेहतरीन परिणाम मिले हैं, जिससे इनकी प्रभावशीलता साबित होती है।
ये असरदार मॉलीक्यूल्स अब अपनी रिसर्च के अगले चरण में हैं, जहाँ से फाइनल उम्मीदवारों को चुना जाएगा जो आगे चलकर इंसानों पर क्लिनिकल ट्रायल के लिए तैयार होंगे। RenaissThera ने इस बड़ी खोज के लिए ‘कॉम्पोज़ीशन ऑफ मैटर’ और उपयोगिता से जुड़े पेटेंट के लिए भी आवेदन किया है। कंपनी अपनी रिसर्च को सिर्फ मोटापे तक ही नहीं रख रही, बल्कि डायबिटीज से जुड़े GIP, GLP-1 और Apelin रिसेप्टर्स पर भी काम कर रही है। उनका AI-सक्षम प्लेटफॉर्म नई दवाओं को और भी तेज़ी से खोजने में मदद कर रहा है।
क्या कह रहे हैं कंपनी के मुखिया ?
RenaissThera के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ, डॉ. रामकेश मीणा ने इस बड़ी उपलब्धि पर अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, “हम अपने निवेशकों और साझेदारों के सहयोग के लिए बेहद आभारी हैं। हमारी टीम अगले साल तक अपनी दवा को क्लिनिकल ट्रायल के लिए तैयार करने में पूरी लगन से जुटी हुई है। इसके साथ ही हम ऐसी बड़ी फार्मा कंपनियों और निवेशकों से भी लगातार बातचीत कर रहे हैं, जो हमारे मोटापे के इलाज वाले इस खास प्रोग्राम में दिलचस्पी रखते हैं।”
पार्टनरशिप का कमाल: VedTechBio का साथ
इस बड़ी कामयाबी के पीछे VedTechBio रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड की साझेदारी का भी हाथ है। उन्होंने अपने Agentic AI प्लेटफॉर्म ‘RxAgentAI’ और रिसर्च एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर RenaissThera को पूरा सपोर्ट दिया है। VedTechBio के मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री सुधीर नगराजन ने भी इस साझेदारी पर संतोष जताया। उन्होंने कहा, “रेनेसथेरा के साथ हमारी पार्टनरशिप के सकारात्मक नतीजे देखकर हम बेहद खुश हैं। यह उपलब्धि हमारे प्लेटफॉर्म और क्षमताओं की वैलिडिटी को साबित करती है, खासकर मोटापे, टाइप 2 डायबिटीज, ऑन्कोलॉजी और इन्फ्लेमेशन जैसे प्रमुख चिकित्सकीय क्षेत्रों में।”
कौन है RenaissThera?
RenaissThera प्राइवेट लिमिटेड बेंगलुरु की एक बायोटेक कंपनी है, जिसका मिशन ही मोटापे और डायबिटीज जैसी बीमारियों के लिए AI-सक्षम और किफायती स्मॉल मॉलीक्यूल थेरेपीज़ बनाना है। उनका बड़ा उद्देश्य है कि हेल्थकेयर इनोवेशन को दुनिया भर में उन लोगों तक पहुंचाना, जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। भारत के मजबूत CRO इकोसिस्टम का फायदा उठाते हुए, RenaissThera शुरुआती रिसर्च को विश्व-स्तरीय खोज में बदल रही है। अगर आप इस कंपनी और उनके शानदार काम के बारे में और जानना चाहते हैं, तो उनकी वेबसाइट www.renaissthera.com पर विज़िट कर सकते हैं।