भारत सरकार ने अब आधिकारिक रूप से ई-पासपोर्ट की शुरुआत कर दी है. यह नया पासपोर्ट पुराने कागज़ी पासपोर्ट जैसा ही होगा लेकिन इसके कवर में एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होगी. इस चिप में यात्री की पूरी व्यक्तिगत जानकारी और बायोमेट्रिक डिटेल्स दर्ज रहती हैं जिससे आपकी पहचान का सत्यापन पहले से तेज और सुरक्षित हो जाएगा.
इस योजना को 1 अप्रैल 2024 से शुरू किए गए पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम के अपडेटेड वर्जन 2.0 का हिस्सा माना जा रहा है. शुरुआत में देश के कुछ शहरों में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया है जिनमें नागपुर, रायपुर, रांची, चेन्नई, जयपुर, शिमला, जम्मू, अमृतसर, गोवा, हैदराबाद, सूरत और भुवनेश्वर शामिल हैं. चेन्नई में 3 मार्च 2025 को इसे औपचारिक रूप से लॉन्च किया गया था और सिर्फ तमिलनाडु में 22 मार्च तक 20 हजार से ज्यादा ई-पासपोर्ट जारी हो चुके थे.
ई-पासपोर्ट के कवर पर आपको एक खास सुनहरा प्रतीक दिखेगा जो इसकी पहचान है. इसमें एक छोटी चिप और एंटीना होता है जो रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन तकनीक से जुड़ा होता है. यह चिप पूरी तरह से सुरक्षित होती है और इसमें मौजूद डेटा को पब्लिक की इंफ्रास्ट्रक्चर तकनीक से एन्क्रिप्ट किया जाता है जिससे छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं रहती.
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे पासपोर्ट धोखाधड़ी और पहचान की चोरी से बचाव होता है. सीमा पार करने के वक्त जांच प्रक्रिया भी तेज और आसान हो जाती है. हालांकि मौजूदा पासपोर्ट की वैधता बनी रहेगी और फिलहाल ई-पासपोर्ट लेना आपकी मर्ज़ी पर है.
अगर आप ई-पासपोर्ट बनवाना चाहते हैं तो पासपोर्ट सेवा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर के आवेदन कर सकते हैं. लॉग इन करने के बाद ‘नया पासपोर्ट/पुनः जारी’ का विकल्प चुनें. अपॉइंटमेंट बुक कर शुल्क जमा करें. फिर तय तारीख पर पासपोर्ट सेवा केंद्र या क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में जाकर दस्तावेज़ जमा करें.
सरकार का यह कदम न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि डिजिटल दौर में नागरिकों की पहचान को भी ज्यादा सुरक्षित बनाएगा.