Disastrous education system in Uttarakhand
अल्मोड़ा, 21 जनवरी 2021
उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों (Education system) की तस्वीर किसी से छुपी नहीं है। शिक्षा के गिरते स्तर व स्कूल में मूलभूत समस्याओं की कमी के चलते स्कूल लगातार बंद हो रहे है और कई छात्र-छात्राएं प्राइवेट स्कूलों का रूख कर रहे है।
कुछ ऐसा ही हाल जनपद के भैसियाछाना विकासखंड के राजकीय इंटर कॉलेज नगरखान का है। 1980 में यहां हाईस्कूल की स्थापना हुई और इसके ठीक सात साल बाद 1988-89 में स्कूल का इंटरमीडिएट में उच्चीकरण हुआ। लेकिन हैरानी की बात यह है कि उच्चीकरण के 32 साल भी स्कूल की बिल्डिंग नहीं बन सकी। जिस कारण छात्र-छात्राएं अपने जान को जोखिम में डाल जर्जर भवन में शिक्षा ग्रहण कर रहे है। विद्यालय में 5 ही कक्ष ऐसे है जो छात्रों के बैठने योग्य है उनकी स्थिति भी कुछ ज्यादा ठीक नहीं है। इसके अलावा करीब 7 से 8 कक्ष जीर्ण-शीर्ण है जो छात्रों के बैठने योग्य नहीं है।
बताते चले कि नगरखान व इसके आस पास के क्षेत्र में करीब 3 दर्जन से अधिक राज्य आंदोलनकारी निवास करते है। इसमें अधिकांश राज्य आंदोलनकारियों के पाल्य इसी स्कूल में पढ़ते है। अभिभावकों का कहना है कि उत्तराखंड की स्थापना के 20 साल बाद भी स्कूल की बिल्डिंग नहीं बन पाना राज्य आंदोलनकारियों का अपमान है। उत्तराखंड राज्य के निर्माण के लिए जिन आंदोलनकारियों ने दिन रात एक किया आज उन्हीं के पाल्य ऐसे स्कूलों में शिक्षा ग्रहण (Education system) करने को मजबूर है।
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करीब 10 गांवों के बच्चे ले रहे शिक्षा
राइंका नगरखान में वर्तमान में छात्र संख्या 300 से अधिक है। इस विद्यालय में क्षेत्र के करीब करीब 10 गांवों के बच्चे शिक्षा (Education system) ग्रहण करते है। जिसमें डालाकोट, दंसौ, उडयूड़ा, कुंजबरगल, चनोली, सेला, गिरचौला, नाकोट समेत अन्य गांव शामिल है। स्कूल के भवन की स्थिति ठीक नहीं होने से बरसात के समय में कई अभिभावक अपने पाल्लों को स्कूल भेजने से डरते है। अभिभावक कई बार क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों समेत शासन-प्रशासन को ज्ञापन भेज कर स्कूल की बिल्डिंग बनाने की मांग कर चुके है लेकिन आज तक मांग पूरी नहीं हुई।
यूकेडी ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
उत्तराखण्ड क्रांति दल की जिला ईकाई द्वारा राजकीय इण्टर कॉलेज नगरखान के भवन निर्माण की मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
ज्ञापन मे कहा गया कि इण्टर कॉलेज में कक्षाओ के संचालन हेतु न्यूनतम 10 कक्षा कक्षों की आवश्यकता होती है इस विद्यालय मे छात्रों के बैठने योग्य केवल 5 ही कक्षा कक्ष है। विद्यालय में कुछ कक्ष तो इतने जीर्ण-शीर्ण है कि वो कभी भी ध्वस्त हो सकते है तथा किसी हादसे का कारण बन सकते है इसलिये विद्यालय (Education system) में भवन निर्माण होना अति आवश्यक है। भवन निर्माण हेतु शीघ्र धनराशि उपलब्ध कराये जाने की मांग ज्ञापन मे की गयी है। ज्ञापन देने वालों में केन्द्रीय उपाध्यक्ष ब्रह्मानंद डालाकोटी, जिलाध्यक्ष शिवराज बनौला, मुमताज कश्मीरी, कमलेश जोशी, उदय महरा, मोहित सिंह, विकास चौधरी आदि लोग मौजूद थे।
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