सिस्टम की बेरूखी ने निराश होकर इस संगठन ने गोलज्यू ​मंदिर में लगाई घात, सरकार और अफसरों पर लगाया आरोप, अल्मोड़ा से चितई मंदिर तक जुलूस निकाल कर पैदल पहुंचे एसएसबी के गुरिल्ले

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा। एसएसबी स्वंय सेवक कल्याण समिति से जुड़े ​गुरिल्लों ने सरकार, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों पर गुरिल्लों की मांगों की अनदेखी करने और 13 सालों से आंदोलन और 3417 दिनों से धरने के बावजूद झूठे आश्वासन देने का आरोप लगाते हुए बुधवार को न्याय के देवता के रूप में प्रसिद्ध चितई गोलू मंदिर में घात डाल दी। उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्रों में माना जाता है कि चारों ओर से निराश हो चुका व्यक्ति या संगठन यहां अर्जी जिसे स्थानीय भाषा में घात कहा जाता है यदि डालता है तो उसे जरूर न्याय मिलता है साथ ही घात में लिखे विनती के अनुसार दोषी को सजा भी मिलती है। इसी विश्वास और उम्मीद के अनुसार गुरिल्ला संगठन से जुड़े महिलाओं और पुरूषों ने भी बुधवार को मंदिर में घात डालकर न्याय की पुकार की। संगठन अल्मोड़ा चौघानपाटा से पैदल जुलूस के रूप में मंदिर पहुंचा और मंदिर परिक्रमा के बाद परिसर में न्याय की अर्जी लगाई गई। इस मौके पर संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष ब्रह्मानन्द डालाकोटी ने कहा कि उनके आंदोलन को 13 वर्ष पूरे हो गए हैं। इसमें से 3417 दिन धरना प्रदर्शन को पूरे हो गए हैंं। लेकिन जिस तरह नौकरी और अन्य देयकों की मांग को लेकर उनके आंदोलन पर सरकार, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने उनकी उपेक्षा की है ऐसी ही उपेक्षा भगवान उनके साथ करे। इस मौके पर जिलाध्यक्ष शिवराज बनौला, आनंदी महरा,राजेन्द्र भाकुनी, गिरीश जोशी, भुवन चन्द्र चौधरी,खड़क सिंह, गोपाल राणा,विशन सिंह,ममता मेहता,रेवती,गंगा देवी, प्रेमादेवी, शांती देवी,रेखा आर्या,बसंत लाल सहित अनेक लोग मौजूद थे।

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