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Almora- डीडीए (DDA) समाप्ति का शासनादेश जारी करने की मांग, सर्वदलीय संघर्ष समिति ने दिया धरना

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा, 9 फरवरी 2021
मुख्यमंत्री के जिला विकास प्राधिकरण को स्थगित करने की घोषणा के बाद भी अभी तक डीडीए (DDA)
को समाप्त करने का शासनादेश जारी ना होने पर सर्वदलीय संघर्ष समिति ने गहरा रोष व्यक्त करते हुए बदस्तूर अपना धरना जारी रखा।

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सभा को संबोधित करते हुए समिति के संयोजक नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने कहा कि आज से साढ़े तीन वर्ष पूर्व प्रदेश की भाजपा सरकार ने तुगलकी फरमान से पूरे प्रदेश की जनता की जनभावनाओं के विरूद्ध पूरे उत्तराखंड में जनविरोधी जिला विकास प्राधिकरण लागू कर दिया जिसके कारण पूरे प्रदेश की जनता परेशान है।

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जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो प्राधिकरण DDA स्थगित करने की घोषणा अल्मोड़ा में की थी तुरन्त उसका शासनादेश भी जारी किया जाना था। धरने पर पहुंचे पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि सबसे पहले तो भाजपा की प्रदेश सरकार ने नवम्बर 2017 में बिना पर्वतीय क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति का अध्ययन किये समूचे उत्तराखंड में मनमाने तरीके से जिलास्तरीय विकास प्राधिकरण लागू कर दिया।


उसके बाद से ही जबकि समूचे पर्वतीय क्षेत्र की जनता इस प्राधिकरण का विरोध कर रही तब भी भाजपा सरकार प्राधिकरण के मुद्दे पर जनता को केवल आश्वासन दे रही है। इससे प्रतीत होता है कि भाजपा की इस सरकार को जनता की दुःख तकलीफों से कुछ भी लेना देना नहीं है। तिवारी ने कहा कि उन्होंने कांंग्रेसजनों के साथ भी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर महामहिम को जनता की मांग पर डीडीए DDA समाप्त करने के लिए ज्ञापन भी प्रेषित किये।

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परन्तु अभी तक प्राधिकरण को समाप्त ना किया जाना प्रदर्शित करता है कि प्रदेश की भाजपा सरकार का जनता से कितना सरोकार है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी आज लोग इस प्राधिकरण के कारण बेहद परेशान हैं। समिति के प्रवक्ता राजीव कर्नाटक ने कहा कि विगत दिनों अल्मोड़ा पहुंचे सूबे के मुख्यमंत्री ने पत्रकार वार्ता कर जिला विकास प्राधिकरण DDA को स्थगित करने की बात कही थी। लेकिन अभी तक इसका शासनादेश तक जारी नहीं हो सका। अब ऐसे में जनता अपने भवन निर्माण मानचित्र स्वीकृति के लिए कहां जाए यह सोचनीय विषय है। कर्नाटक ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद तुरन्त इसका शासनादेश जारी हो जाना था। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार घोषणा करती है और घोषणा के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों की जनता इस प्राधिकरण के लागू होने से कितनी त्रस्त है यदि सरकार ने इस बात की भी सर्वे करा ली होती तो सरकार प्राधिकरण निरस्तीकरण का शासनादेश तुरन्त जारी कर चुकी होती।

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उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्षों से सर्वदलीय संघर्ष समिति DDA के बैनर तले अल्मोड़ा की स्थानीय जनता लगातार आन्दोलनरत है परन्तु ना तो कभी सरकार के प्रतिनिधियों ने और ना ही सम्बन्धित अधिकारियों ने धरनास्थल पर आकर समिति से बात करना उचित समझा। उन्होंने कहा कि जब तक जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को पूरी तरह समाप्त कर इसका शासनादेश जारी नहीं कर दिया जाता तब तक समिति का धरना बदस्तूर जारी रहेगा, संचालन सभासद हेम तिवारी ने किया।

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धरने में कांंग्रेस जिला उपाध्यक्ष तारा चन्द्र जोशी, कांंग्रेस जिला सचिव दीपांशु पाण्डे, हर्ष कनवाल, चन्द्रमणि भट्ट, महेश आर्या, चन्द्रकान्त जोशी, ताराचंद साह, कंचन तिवारी, दिनेश जोशी, प्रताप सत्याल, लक्ष्मण सिंह ऐठानी, एन डी पाण्डे, ललित मोहन पन्त, पीएस बोरा, एम सी काण्डपाल, चन्द्रशेखर सिराड़ी, भारतरत्न पाण्डे सहित लोग मौजूद थे।

अंत में सर्वदलीय संघर्ष समिति ने चमोली आपदा में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दो मिनट का मौन रखकर मृतकों की आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

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