लमगड़ा (अल्मोड़ा): बहुप्रतीक्षित कपिलेश्वर बानड़ीदेवी पेयजल योजना बनने के बावजूद लमगड़ा क्षेत्र के तीन दर्जन से अधिक गांवों को अब तक पर्याप्त पानी नहीं मिल पाया है। लमगड़ा बाजार, ठाट, पलना, तोली, गौलीमहर सहित कई गांवों के ग्रामीणों में इसको लेकर भारी रोष है। पानी की किल्लत झेल रहे ग्रामीणों ने शुक्रवार को तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर नियमित जलापूर्ति नहीं हुई तो वे धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।
आरोप: होटलों और रिजॉर्ट्स में भरपूर पानी, ग्रामीणों के हिस्से में सूखा
ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग की मिलीभगत से पाइप लाइनों से अनधिकृत कनेक्शन जोड़ दिए गए हैं, जिससे क्षेत्र में रिजॉर्ट और होटलों को नियमित पानी आपूर्ति दी जा रही है। यहां तक कि कुछ जगहों पर तैराकी के लिए भी पानी की व्यवस्था कर दी गई है, जबकि आम ग्रामीणों को दो से तीन सप्ताह में एक बार ही पानी मिल पाता है।
ज्ञापन सौंपकर दी आंदोलन की चेतावनी
पेयजल संकट को लेकर शुक्रवार को बाल विकास परियोजना अधिकारी लमगड़ा अमित वर्मा, जीवन सिंह मेर, हीरा बिष्ट, किशन सिंह, पंकज कुमार, गोपाल मेर, चंदन सिंह, रहीश अहमद, प्रकाश सिंह मेर, चंदन सिंह कनवाल, विशन सिंह, हीरा सिंह सहित कई ग्रामीण तहसील मुख्यालय पहुंचे और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
पेयजल संकट से सरकारी योजनाएं भी प्रभावित
पानी की कमी के कारण क्षेत्र में मध्याह्न भोजन योजना, आंगनबाड़ी केंद्र, चिकित्सालयों की सेवाएं और सरकार द्वारा संचालित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों व होमस्टे योजनाओं पर भी बुरा असर पड़ा है। ग्रामीणों का कहना है कि जल संकट के कारण पलायन की समस्या भी बढ़ रही है।
कब मिलेगा समाधान?
2016 तक यह योजना पूरी नहीं हो पाई थी और बाद में इसे हर घर नल योजना में शामिल किया गया। लेकिन अब भी गांवों को नियमित जल आपूर्ति नहीं मिल पा रही है। ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। अब देखना होगा कि प्रशासन इस समस्या का हल निकालने के लिए क्या कदम उठाता है।
कपिलेश्वर पंपिंग योजना के हाल: लमगड़ा क्षेत्र के गांव प्यासे, आंदोलन की चेतावनी
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