उत्तराखंड के उधम सिंह नगर से एक बार फिर रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है। इस बार सितारगंज की एक मुख्य आंगनबाड़ी वर्कर को विजिलेंस की टीम ने रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया है। जानकारी के मुताबिक ये कार्रवाई विजिलेंस हल्द्वानी की ट्रैप टीम ने की है। आरोपी महिला को उसके घर के बाहर से गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से दो हजार रुपये की नकद राशि बरामद हुई है जो उसने एक लड़की से बतौर रिश्वत मांगी थी।
पूरा मामला ‘नंदा गौरा योजना’ से जुड़ा है। दरअसल योजना के तहत एक छात्रा को स्कॉलरशिप की राशि मिलनी थी जो कि सरकार की तरफ से उसके खाते में ट्रांसफर हो गई थी। आवेदन के समय स्कूल की प्रिंसिपल और आंगनबाड़ी वर्कर का प्रमाण पत्र जरूरी था। इन्हीं दस्तावेजों पर साइन कराने के नाम पर आरोपी महिला ने पैसे की मांग की थी। लड़की की बहन ने इस पूरे मामले की शिकायत सतर्कता विभाग के टोल फ्री नंबर पर कर दी थी।
शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस टीम ने पूरे मामले की जांच की और जब सच सामने आया तो फिर योजना बनाकर महिला को रंगे हाथों पकड़ लिया गया। टीम पहले से ही सतर्क थी और जैसे ही महिला ने रिश्वत की रकम ली वैसे ही उसे धर दबोचा गया।
जांच में यह बात भी साफ हुई कि स्कूल की प्रिंसिपल की तरफ से किसी तरह की कोई मांग नहीं की गई थी। पूरा मामला सिर्फ आंगनबाड़ी वर्कर की ओर से किया गया भ्रष्टाचार था। आरोपी महिला ने सिर्फ पैसे की मांग ही नहीं की थी बल्कि लड़की को यह भी धमकी दी थी कि अगर पैसे नहीं दिए गए तो योजना की राशि रुकवा देगी और भविष्य में किसी भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
फिलहाल महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। वहीं सतर्कता विभाग ने लोगों से अपील की है कि अगर उनसे कोई रिश्वत मांगे तो उसकी शिकायत बिना डरे टोल फ्री नंबर या व्हाट्सएप पर करें ताकि कार्रवाई हो सके।