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नगरीय विकास भारी पड़ा ग्राम सरकारों पर पालिका परिसीमन के चलते अल्मोड़ा में चार ग्रामपंचायतों का हुआ विलय,11 ग्राम पंचायतों का बड़ा हिस्सा समाया पालिकाओं में

उत्तरा न्यूज डेस्क
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अब अल्मोड़ा में बची हैं 1164 ग्राम पंचायतें

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अल्मोड़ा:- नगरीय संस्कृति व नगरी़य विकास भारत की आत्मा कहे जाने वाले गांवों में भारी पड़ती है, यह बात इस बार पालिकाओं के परिसीमन के बाद एकदम सही साबित हो रही है| अल्मोड़ा जिले में ही चार ग्राम पंचायतें पूर्ण व 11 ग्राम पंचायतें आंशिक रूप से पालिकाओं में विलोपित हुई हैं इससे भले ही नगरीय कल्चर का विकास हुआ है लेकिन देश की आत्मा कहे जाने वाले गांव इससे प्रभावित होते हैं|
अल्मोड़ा जिले की बात करें तो नगर पालिका के परिसीमन में दो वार्ड रैलापाली व दुगालखोला बने इन वार्डों के निर्माण के चलते हवालबाग विकासखंड के दुगालखोला व रैलापाली पूरी तरह विलोपित हो गए एक क्षेत्र पंचायत सीट भी प्रतिनिधि सहित विलोपित हो गई|इसके अलावा शैलगूंठ, खगमराकोट, अथरमणी, सरसों, पांडेखोला, बख, गोलनाकरड़िया, खत्याड़ी सहित 8 ग्राम पंचायतें आंशिक रूप से शामिल की गई हैं| वहीं भिकियासैंण नगर पंचायत के गठन के बाद भिकियासैंण व सैंणसेरा पूर्ण रूप से भिकियासैंण नगर पंचायत में शामिल हो गई है, कुछ क्षेत्र ताड़ीखेत व कड़ाकोट का हिस्सा भी इसमें गया है| इसीतरह नवगठित चिलियानौला नगरपालिका में भी बघाण का अधिकांश हिस्सा आया है| जिलापंचायतीराज अधिकारी हरीश आर्या ने बताया कि जिले में परिसीमन के बाद चार ग्राम पंचायतें पूर्णरूप से नगर नें विलोपित हुई हैं वहीं 11 ग्राम पंचायतों का आंशिक हिस्सा नगरीय ढांचें में आया है|अल्मोड़ा में चार ग्राम पंचायतों का विलय हो जाने के बाद जिले में ग्राम पंचायतों की संख्या घटकर 1168 से 1164 हो गई हैं|