उड़ीसा में भाजपा को मिला पूर्ण बहुमत तो नवीन पटनायक हुए सत्ता से बेदखल

Advertisements Advertisements भुवनेश्वर में लोकसभा चुनाव की मतगणना के साथ संपन्न हुए उड़ीसा विधानसभा चुनाव में बेहद चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। चुनाव आयोग…

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भुवनेश्वर में लोकसभा चुनाव की मतगणना के साथ संपन्न हुए उड़ीसा विधानसभा चुनाव में बेहद चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं।

चुनाव आयोग का कहना है कि भाजपा ने 147 सदस्यीय सदन में 74 सीटे जीतकर ओडिशा विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया है और इस तरह से कभी न हारने वाले बीजू जनता दल के नवीन पटनायक को सत्ता से अब बेदखल कर दिया गया है।

बीजेडी जो 2000 से उड़ीसा में सत्ता में है उसने 52 विधानसभा सीटे जीती हैं और एक निर्वाचन क्षेत्र में आगे भी चल रही है। वहीं कांग्रेस ने 14 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की इससे पहले 2019 में विधानसभा चुनाव में बीजेडी ने कुल 113 सीटे जीती थी जबकि भाजपा ने 23 सीटे और कांग्रेस ने 9 सीटे जीती। यह चुनाव उड़ीसा के इतिहास में बेहद खास माना जा रहा है क्योंकि खुद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक अपनी विधानसभा सीट पर हार गए उड़ीसा पर बीते 24 साल से एक छत्र राज्य करने वाले पटनायक अभी तक एक चुनाव नहीं हारे थे ।

पटनायक दो सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़े थे। उन्हें हिंजली सीट पर जीत हासिल हुई है लेकिन कांताबंजी सीट पर नवीन पटनायक बीजेपी के लक्ष्‍मण बेग से हार गये हैं।

लेकिन यह पहला मौका है जब भाजपा ने उनके ऊंचे सियासी कद करारी शिकस्‍त दी है।ऐसे चुनावी नतीजे के बाद अब ओडिशा में दो दशक से भी लंबे इंतजार शासन करने वाली बीजेडी की विदाई हो गई है और बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने वाली है।

साल 2000 से नवीन पटनायक ओडिशा के मुख्यमंत्री हैं। राज्‍य में उनकी पकड़ पार्टी से लेकर सरकार में बेहद मजबूत थी। यही वजह है कि उनका किला दो दशकों से भी लंबे वक्‍त में कोई पार्टी और नेता नहीं हिला पाया था।