आज पूरी दुनिया प्रदूषण कम करने के साथ अपनी ऊर्जा की भी पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अनेक शोध करते हुए आवश्यक कदम उठा रही है। इसी क्रम में दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत में जल्द ही जैव ईंधन (Biofuel) उत्पादन होने जा रहा है। इस ईंधन का उपयोग खाना पकाने से लेकर औद्योगिक क्षेत्र में भी किया जा सकेगा।
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जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के रायपुर में एक कंपनी द्वारा जर्मनी की तकनीक पर आधारित जैव ईंधन उत्पादन परियोजना शुरू की जा रही है। परियोजना में गीली घास से जैव ईंधन (Biofuel) का उत्पादन किया जाएगा। इसमें बायोरिएक्टर घास, गीले कचरे, गीली घास से गैस उत्पन्न करते हैं और शुद्धिकरण के बाद इसका उपयोग दोपहिया, चौपहिया और मालवाहक वाहनों के लिए भी किया जा सकता है।
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इस प्रोजेक्ट के लिए गोंदिया के हर गांव में घास लगाई जाएगी चूंकि इस ईधन के निमार्ण में गीले कचरे और गीली घास का उपयोग करेगा। यह स्वचालित रूप से गांव को साफ रखने में मदद करेगा। यह परियोजना करीब 25 एकड़ भूमि पर स्थापित की जा रही है।यह जैव ईंधन मौजूदा प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण आर्थिक तनाव का एक अच्छा विकल्प हो सकता है।