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जैव विविधता(Biodiversity) प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न, उत्तराखंड समेत 4 राज्यों के 33 शोधार्थियों लिया हिस्सा

UTTRA NEWS DESK
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अल्मोड़ा। 06 मार्च 2020

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गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी कटारमल में 12 दिनों से जैव विविधता (Biodiversity) पर चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज समापन हो गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दीर्घकालिक पारिस्थितिकीय अनुश्रवण हेतु वानस्पतिक आंकलन, हर्बेरियम तकनीकी एवं सांख्यिकी पर आधारित था। कार्यक्रम में उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, गुजरात एवं दिल्ली के 9 विभिन्न संस्थानों से आये हुए 33 शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया।

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यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 24 फरवरी को संस्थान के निदेशक डा. आरएस रावल की अध्यक्षता में शुरू हुआ। जिसमें कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ. अनिल कुमार यादव ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम में बाहर से आये हुए 6 प्रशिक्षुओं एवं संस्थान के 8 विषय-विषेशज्ञों द्वारा दीर्घकालक पारिस्थितिकीय अनुश्रवण हेतु वनस्पतिक आंकलन, हर्बेरियम तकनीकी एवं सांख्यिकी पर व्याख्यान किए गये, साथ ही स्थानीय वन क्षेत्र में जाकर क्रिया-विधियों का प्रदर्शन भी किया गया।

प्रशिक्षुओं को श्रेत्रीय आयुर्वेदीय अनुसंधान संस्थान, जागेश्वर धाम तथा सूर्य मंदिर का भ्रमण भी करवाया गया। पर्यावरण संस्थान के जैव विविधता (Biodiversity) संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र के केन्द्र प्रमुख डॉ. जीजीएस नेगी एवं डॉ. चन्द्रशेखर की देखरेख में कार्यक्रम का संचालन किया गया।

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इस कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि, विवेकानंद पर्वतीय अनुसंधान संस्थान के प्रभारी निदेशक डॉ. लक्ष्मी कान्त ने प्रशिक्षुओं को एकजुट होकर एवं सभी विषयों को एक साथ लेकर अपने शोध को सही दिशा देने की सलाह दी जिससे कि भविष्य में उनके शोध की गुणवत्ता सभी क्षेत्रों में काम आ सके।

समापन समारोह मे संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. आईडी भट्ट, डॉ. के चन्द्र सीकर, डॉ. सुबोध ऐरी, डॉ. विक्रम नेगी एवं संस्थान के शोधार्थी मौजूद थे।

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