डेस्क: केन्द्रीय कैबीनेट द्वारा महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश के बाद राजनीतिक संकट गहरा गया है, कैबीनेट के इस फैसले के खिलाफ शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।
शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल द्वारा महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करने के फैसले को चुनौती दी है। पार्टी ने कहा है कि उसने NCP और कांग्रेस(Congress) से समर्थन पत्र हासिल करने के लिए तीन दिन का समय मांगा था, लेकिन राज्यपाल ने खारिज कर दिया।
शिवसेना ने कहा है कि राज्यपाल(Governor) ने बीजेपी को यह बताने के लिए 48 घंटे का समय दिया कि क्या वह सरकार बना सकती है, लेकिन समर्थन पत्र हासिल करने के लिए शिवसेना को सिर्फ 24 घंटे का समय दिया।
आरोप लगाया कि राज्यपाल ने सरकार बनाने के अवसर से इनकार करने के लिए बीजेपी के इशारे पर जल्दबाजी में काम किया।
बताते चले कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के लिए राज्यपाल की सिफारिश को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब यह मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजी जा रही है।
यह भी बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री के विदेश दौरे से पहले हुई कैबिनेट बैठक में महाराष्ट्र के मुद्दे पर चर्चा हुई और राज्यपाल की सिफारिश को मान लिया गया।