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बड़ी खबर: कोर्ट के आदेश के बाद एसडीएम मनीष बिष्ट की सेवा समाप्त, आदेश के पालन में देरी पर कोर्ट ने सरकार व आयोग से किया जवाब—तलब

Newsdesk Uttranews
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डेस्क। अधिक नंबरों की वरीयता के चलते पीएसएस पर चयनित हुए सितारगंज एसडीएम मनीष बिष्ट की कोर्ट के आदेश के बाद शासन ने सेवाएं समाप्त कर दी है। उनकी नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
2012 में हुई पीसीएस की परीक्षा का रिजल्ट 2017 में घोषित हुआ था। जिसमें एसडीएम मनीष बिष्ट का भी चयन हुआ था। लेकिन आरक्षित कोटे के सुधीर कुमार नाम के दूसरे अभ्यर्थी ने उनकी नियुक्ति को पहले लोक सेवा आयोग में चुनौती दी थी। लोक सेवा आयोग ने सीट सामान्य होने का हवाला देकर अपील खारिज कर दी थी। जिसके बाद सुधीर ने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने सुधीर कुमार के पक्ष में फैसला सुनाया। लेकिन लोक सेवा आयोग हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गया। सुप्रीम कोर्ट ने भी अप्रैल 2019 में हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगा दी।​ कोर्ट के ​आदेश का पालन न होने पर सुधीर ने हाईकोर्ट में अवमानना दाखिल की थी। आयोग ने कार्मिक विभाग को प्रस्ताव भेजा। जिसके बाद कार्मिक विभाग ने एसडीएम मनीष​ बिष्ट की सेवा समाप्त कर दी है। आदेश के पालन में देरी पर कोर्ट ने शासन व आयोग से जवाब तलब किया है। इधर एसडीएम मनीष बिष्ट ने कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कही है। बता दे कि मनीष बिष्ट ने 9 साल तक भारतीय सेना में सिपाही के पद पर सेवा दी। जिसके बाद सेना से वालंटरी रिटायरमेंट ले लिया था। वह 2018 में प्रशिक्षु डिप्टी कलक्ट्रेट के रूप में अल्मोड़ा में रहे। जिसके बाद 2018 में व उधमसिंह नगर चले गये थे। जहां सितारगंज में एसडीएम के पद पर अपनी सेवा दे रहे थे। एसडीएम ​मनीष बिष्ट की पत्नी निर्मला बिष्ट वर्तमान में खटीमा में एसडीएम पद पर तैनात है।

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