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पिथौरागढ़ के सभी एसडीएम और बीडीओ के वेतन आहरण पर रोक

Ban on salary withdrawal of all SDM and BDO of Pithoragarh

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पिथौरागढ़। जिला गंगा समिति की बैठक में शुक्रवार को जिलाधिकारी ने पिछली बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश दिए। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में उदासीनता को देखते हुए इस दौरान जिलाधिकारी ने जनपद के सभी उप जिलाधिकारियों तथा खंड विकास अधिकारियों के वेतन आहरण पर रोक लगा दी और कहा कि उनका वेतन आहरण तब तक नहीं किया जाएगा जब तक कि उनके द्वारा जनपद के प्रमुख कस्बों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए डंपिंग जोन के लिए भूमि चयनित कर भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई पूर्ण नहीं कर ली जाती।

कलक्ट्रेट के वीसी कक्ष में शुक्रवार को हुई जिला गंगा समिति की बैठक में जिलाधिकारी आशीष चौहान ने यह निर्देश दिए। उन्होंने डीएफओ को निर्देश दिए कि जाजरदेवल में आइटीबीपी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ठीक से काम नहीं कर रहा है, जिसके दुरुस्तीकरण के संबंध में आइटीबीपी के उच्च अधिकारी को उनकी ओर से पत्र भेजा जाए। जिलाधिकारी ने डीएफओ को रामगंगा नदी के पुनर्जीवन को लेकर व्यापक प्लानिंग करने के भी निर्देश दिए।20 से अधिक कमरे वाले होटलों में नियमानुसार स्वयं का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाना है।

इस संबंध में नगर निकाय के अधिशासी अधिकारी ने बताया कि चण्डाक स्थित मधुर होटल के स्वामी को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापना के लिए तीन बार नोटिस दिए जाने के बावजूद संबंधित होटल स्वामी द्वारा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित नहीं किया गया है, जिस पर जिलाधिकारी ने संबंधित प्रकरण के बारे में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को अवगत कराने को कहा।सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम को लेकर की जा रही गतिविधियों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद के धारचूला, कनालीछीना व अन्य स्थान पर प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक काली पन्नी का प्रयोग देखने को मिल रहा है।

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उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों एवं नगर निकायों के अधिकारियों को संबंधित क्षेत्रों में मीट, ब्रेकरी, मिठाई, लेडीज टेलर, रेडीमेड गारमेंट आदि दुकानों पर छापेमारी कर प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने की कार्रवाई के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि संज्ञान में आया है कि जनपद में स्थित कुछ प्राइवेट चिकित्सालयों द्वारा बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल के लिए डीप बरियल पिट नहीं बनाये गये हैं।

उन्होंने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि एक सप्ताह के भीतर अभियान चलाकर यह निरीक्षण कर लिया जाये कि जनपद में किन प्राइवेट चिकित्सालयों में डीप बरियल पिट नहीं बनाये गये हैं, ताकि ऐसे निजी अस्पतालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा सके।जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों एवं नगर निकायों के अधिकारियों को खुले में मीट के प्रदर्शन पर रोक लगाने की कार्यवाही के साथ ही अलग से मीट मार्केट की स्थापना को लेकर भूमि का चिह्नीकरण करने के भी निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारियों को जनपद के बड़े मोक्ष घाटों पर स्वच्छता बनाए रखने हेतु ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में कमेटी गठन करने के भी निर्देश दिए।इसके अलावा जिलाधिकारी ने डीएफओ को रामगंगा नदी के पुनर्जीवन हेतु व्यापक प्लानिंग करने के निर्देश दिए।
बैठक में डीएफओ जीवन मोहन दगाड़े, जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी, जिला शिक्षा अधिकारी हवलदार प्रसाद, जिला पंचायत राज अधिकारी हरीश आर्य आदि उपस्थित थे। अन्य अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े थे।

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