नदी पुनर्जीवन पर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सोमेश्वर तथा राजकीय इंटर कालेज दड़मियां में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

उत्तरा न्यूज टीम
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अल्मोड़ा। कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़, गधेरों और धारों को संरक्षित एवं संवर्धित करने, कोसी नदी पुनर्जीवन अभियान को जन अभियान बनाने, स्थानीय स्तर पर जंगलों, जलस्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु टीम गठित करने हेतु जिलाधिकारी अल्मोड़ा द्वारा दिये गये दिशानिर्देशों के क्रम में कल दिनांक 14-12-22 को हुकुम सिंह बोरा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सोमेश्वर तथा राजकीय इंटर कालेज दड़मियां में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। दोनों विद्यालयों के प्रधानाचार्यों, अध्यापकों तथा विद्यार्थियों तथा वन विभाग के कार्मिकों ने प्रतिभाग किया गया।

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गजेन्द्र पाठक, फार्मेसिस्ट स्वास्थ्य6 उपकेन्द्र सूरी ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़, गधेरों और धारों के जलस्तर में लगातार हो रही गिरावट के कारणों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि लंबे समय तक जंगलों के अनियंत्रित और अवैज्ञानिक दोहन के कारण मिश्रित जंगलों के चीड़ के एकल प्रजाति जंगलों में परिवर्तित होने, जंगलों में हर साल आग लगने तथा वैश्विक तापवृद्धि से उत्पन्न जलवायु परिवर्तन के कारण जल स्त्रोतों में पानी के स्तर में गिरावट आ रही है।

जंगलों को आग और नुकसान से बचाने, कोसी नदी पुनर्जीवन अभियान में जनसहभागिता लाने से ही जल स्त्रोतों का संरक्षण और संवर्धन किया जा सकता है। जंगलों का कटान और जंगलों की आग को रोकने में युवा पीढ़ी की विशेष भूमिका है और युवाओं तथा महिलाओं की सहभागिता से ही जंगलो
धन्यवाद,को कटान और आग से सुरक्षित रखा जा सकता है।


दोनों कार्यक्रमों में डिग्री कालेज सोमेश्वर की प्राचार्य हेमा प्रसाद, प्राध्यापक डा सुनीता जोशी, नीता टम्टा, डा प्राची टम्टा,डा पुष्पा टम्टा,डा भावना डा आंचल सती डा राकेश पाण्डेय, डा विपिन चंद्र ,डा कंचन वर्मा,डा अपर्णा सिंह, प्रवक्ता मीनाक्षी साहब, संजय जोशी, मनोज कुमार, गोपाल सिंह बोरा,केशव दत जोशी,वन बीट अधिकारी किशोर चंद्र, गोविन्द पांडेय,वन दरोगा गोपाल राम आर्या कविता नेगी, उमा भैंसोड़ा,नेहा कबडोला,हेमा बिष्ट, कल्पना पवन नयाल आदि ने प्रतिभाग किया।

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