पहले समझे मजाक कर रहा है, अगले ही पल पति को गोली मार दी’ — एशान्या ने सुनाई पहलगाम हमले की दास्तां

कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब पर्यटकों से भरे इलाके में अचानक गोलियों की आवाजें गूंज उठीं। कुछ ही…

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कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब पर्यटकों से भरे इलाके में अचानक गोलियों की आवाजें गूंज उठीं। कुछ ही क्षणों में चीख-पुकार के साथ बदहवास लोग इधर-उधर भागने लगे। हर तरफ अफरा-तफरी थी और ज़मीन पर बिखरे पड़े लोगों के शव। इन्हीं में एक नाम था शुभम द्विवेदी का, जिनकी पत्नी एशान्या ने आंखों के सामने उन्हें खो दिया।

शुभम अपने पूरे परिवार के साथ पहली बार कश्मीर घूमने पहुंचे थे। मंगलवार की दोपहर वह, उनकी पत्नी और बहन पहलगाम के ऊंचाई वाले हिस्से से घुड़सवारी करते हुए गेट के पास पहुंचे थे। कुछ दूरी पर बैठकर जैसे ही उन्होंने सफर की थकान मिटानी चाही, तभी एक अजनबी व्यक्ति उनके पास आया और कुछ सवाल पूछने लगा। वह बोला, ‘मुसलमान हो या हिंदू?’ पहले तो एशान्या को लगा कि वह कोई मजाक कर रहा है, लेकिन जब उसी ने दोबारा पूछा और ‘कलमा पढ़ने’ को कहा, तो भी उन्होंने उसे गंभीरता से नहीं लिया। जैसे ही उन्होंने कहा कि वे मुसलमान नहीं हैं, उस आदमी ने बिना कोई चेतावनी दिए सीधे शुभम के सिर में गोली मार दी।

खून से लथपथ शुभम वहीं गिर पड़े। एशान्या कुछ समझ पातीं, उससे पहले चारों तरफ गोलियों की बौछार शुरू हो गई। गूंजती चीखों के बीच उनकी बहन और माता-पिता ने उन्हें खींचकर वहां से बाहर निकाला। जब तक सेना पहुंचती, तब तक सबकुछ खत्म हो चुका था। शुभम का शव वहीं पड़ा रहा और एशान्या बेसुध होकर रोती रहीं।

घटना के बाद एशान्या ने फोन पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि उनकी यह पहली पारिवारिक यात्रा थी और कभी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी कि इस तरह लौटना पड़ेगा। वह बोलते-बोलते फफक पड़ीं और अपनी दर्द भरी दास्तान सिसकियों में सुनाई।

घटना की जानकारी मिलते ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभम के पिता संजय द्विवेदी से फोन पर बात की और गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार पीड़ित परिवार के साथ है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह दोबारा बात करेंगे। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और जिलाधिकारी ने भी संपर्क साधा और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से बात कर हालात की जानकारी ली। सतीश महाना ने इस आतंकी घटना को कायरतापूर्ण बताते हुए कहा कि इसका करारा जवाब दिया जाएगा।

शुभम द्विवेदी का परिवार कानपुर के महाराजपुर क्षेत्र में न केवल सामाजिक रूप से सक्रिय रहा है, बल्कि उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि भी काफी मजबूत मानी जाती है। उनके दादा चंदन प्रसाद द्विवेदी और चाचा सुभाष द्विवेदी वर्षों तक ग्राम प्रधान रहे। पिता संजय द्विवेदी क्षेत्र के जाने-माने व्यवसायी हैं और उनके अन्य परिजन भी सामाजिक तथा राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय हैं। शुभम के चचेरे भाई भाजपा से जुड़े वरिष्ठ नेता हैं और परिवार की विधानसभा अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अनंत मिश्रा से भी नजदीकियां रही हैं।

आतंकियों की यह कायराना हरकत केवल एक परिवार की खुशियां नहीं छीन ले गई, बल्कि कश्मीर की धरती पर फिर एक बार भय और असुरक्षा की भावना छोड़ गई