जम्मू-कश्मीर के पर्यटक स्थल पहलगाम में हुई हालिया आतंकी घटना ने पूरी घाटी को दहला दिया है। बैसरन के खुले मैदान में हुए इस निर्मम हमले में अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है। सुरक्षा एजेंसियों ने इस हमले में शामिल तीन आतंकियों के स्केच जारी कर दिए हैं और इलाके में तलाशी अभियान को और तेज़ कर दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, हमलावरों ने बैसरन के हरियाली से भरे इलाके में करीब 20 मिनट तक लगातार फायरिंग की। AK-47 से लैस आतंकियों ने जिस अंदाज़ में लोगों पर गोलियां बरसाईं, उसने इस शांत वादियों को कुछ ही पलों में भय और दहशत के नज़ारे में तब्दील कर दिया। घटनास्थल पर मौजूद लोग चीखते-चिल्लाते जान बचाने के लिए भागे, लेकिन कई अपनी जान नहीं बचा सके।
हमले में शामिल आतंकियों की पहचान आसिफ फूजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के रूप में हुई है। इनमें से दो को पाकिस्तान का नागरिक माना जा रहा है जबकि एक स्थानीय बताया गया है। सभी आतंकी लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट से जुड़े हैं।
22 अप्रैल को हुए इस हमले ने वसंत ऋतु की ताजगी से सराबोर ‘मिनी-स्विट्ज़रलैंड’ जैसे खूबसूरत इलाके को खून से रंग दिया। जहां सामान्य दिनों में पर्यटक देवदार के पेड़ों से ढकी पहाड़ियों के बीच सुकून की तलाश में आते हैं, वहां उस दिन खौफ और मातम का मंज़र पसरा था।
हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है। अनंतनाग समेत आसपास के जिलों में तलाशी अभियान चल रहा है। ड्रोन, हेलीकॉप्टर और खोजी कुत्तों की मदद से संदिग्धों की तलाश की जा रही है। साथ ही आम लोगों से भी किसी भी प्रकार की जानकारी साझा करने की अपील की गई है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा है कि यह हमला सिर्फ निर्दोष नागरिकों पर नहीं, बल्कि कश्मीर में लौट रही शांति पर भी हमला है। उन्होंने इसे घाटी के इतिहास के सबसे क्रूर आतंकी हमलों में एक बताया है।
इस घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपात बैठक की अध्यक्षता की और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस हमले के दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें जल्द न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाएगा।