अल्मोड़ा,20 नवंबर 2021
उत्तराखंड के समस्त सामाजिक संघर्षों के साथी और मार्गदर्शक गिरीश चंद्र जोशी गिर्दा के निधन पर उलोवा कार्यकर्ताओं ने गहरे दुख का इजहार किया है। विगत दिवस शुक्रवार यानि 19 नवंबर को आयोजित एक शोक सभा में वक्ताओं ने कहा कि उनका निधन आंदोलन के साथियों के लिए गहरा सदमा तो है ही साथ ही समाज के लिए भी गहरी क्षति है।
वक्ताओं ने कहा कि सन 70 के दशक से वर्तमान समय तक गिर्दा नाम से आमजन को मुख्य रूप से स्वर्गीय गिरीश तिवारी गिर्दा की याद आती है परंतु उत्तराखंड की तमाम आंदोलनकारी साथियों को एक और गिर्दा याद आते रहे हैं वह थे श्री गिरीश चंद जोशी माला भवन वाले गिर्दा। अत्यंत सौम्य, मृदुभाषी ,विद्वान, स्नेहिल स्वभावी गिरीश जोशी “गिर्दा “की मौत की खबर सुनकर अल्मोड़ा में सामाजिक कार्यकर्ता अत्यंत दुखी है।
वह हमेशा आमजन के साथ खड़े रहते थे और उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन में भी सक्रिय थे। उत्तराखंड लोक वाहिनी कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी। शोक सभा में उत्तराखंड लोक वाहिनी के नेता व वरिष्ठ अधिवक्ता जगत रौतेला, छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष जंग बहादुर थापा, श्रीमती रेवती बिष्ट, कुणाल तिवारी, डॉ. दयाकृष्ण कांडपाल ,अजयमित्र सिंह बिष्ट, अजय मेहता ,अनीशउद्दीन, हरीश मेहता आदि मौजूद रहे।