खबरें अब पाए whatsapp पर
Join Now
अल्मोड़ा, 08 सितंबर 2021—अल्मोडा वन प्रभाग के द्वाराहाट वन क्षेत्र अन्तर्गत निर्माणाधीन गगास-उड़ीमहादेव-सैलापानी मोटर मार्ग में लोक निर्माण विभाग द्वारा मलुवा निस्तारण (मक डिस्पोजल) में की गयी अनियमितताओं के सम्बन्ध में प्रकरण हरित प्राधिकरण(NGT) नई दिल्ली में विचाराधीन अजय बिष्ट बनाम उत्तराखण्ड राज्य व अन्य में न्यायालय द्वारा बड़ी कार्यवाही करते हुए लोक निर्माण विभाग को 2 लाख रुपये के जुर्माने से दण्डित किया गया है।
लोनिवि को यह धनराशि एक माह के भीतर वन विभाग अल्मोड़ा को जमा करनी होगी। इस धनराशि से वन विभाग संबंधित क्षेत्र में वन सुधार कार्य करेगा।
उक्त मोटर मार्ग निर्माण की स्वीकृति वर्ष 2010 में प्राप्त हुई थी, जिसके उपरान्त लोक निर्माण विभाग द्वारा रोड कटान कार्य प्रारम्भ किया गया किन्तु क्षेत्रवासियों का समरेखन को लेकर भारी विवाद भी रहा।
इधर दस वर्ष बीत जाने के पश्चात भी रोड निर्माण संभव नहीं हो पाया। प्रकरण पर हरित प्राधिकरण टनई दिल्ली द्वारा पर्यावरण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून को जाँच करने हेतु निर्देशित किया गया। न्यायालय के उक्त आदेश के अनुपालन में 4 मार्च 2021 को टी०सी० नौटियाल (भारतीय वन सेवा), द्वारा उक्त मोटर मार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया गया।
अल्मोड़ा के डीएमएफओ महातिम यादव ने बताया कि निरीक्षण के दौरान वन विभाग के प्रभागीय वनाधिकारी अल्मोड़ा महातिम यादव, लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियन्ता राजेश कुमार व सहायक अभियन्ता खजान सिंह रावत, राजस्व विभाग के लीना चन्द्र, तहसीलदार के साथ स्थानीय ग्रामीण व जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
पर्यावरण मंत्रालय की जॉच रिपोर्ट के आधार पर हरित प्राधिकरण(NGT) नई दिल्ली द्वारा अपने निर्णय में कहा कि रोड निर्माण जनहित में है किन्तु पर्यावरण नियमों का अनुपालन भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। साथ ही मलुवा निस्तारण (मक डिस्पोजल) हेतु लोक निर्माण विभाग हेतु गैर वन क्षेत्र में भूमि चिन्हित की गयी है किन्तु इसमें अभी भी कार्यवाही पूर्ण की जानी अपेक्षित है।
इसके अलावा प्राधिकरण(NGT) ने लोक निर्माण विभाग द्वारा वन विभाग की देखरेख में मलुवा निस्तारण (मक डिस्पोजल) की कार्यवाही करने और अवैध रूप से पातित वृक्षों का अर्थदण्ड जमा किया जाय तथा वन अधिनियम, 1972 के तहत कार्यवाही करने को भी कहा है। निर्णय के अनुसार लोक निर्माण विभाग क्षतिपूर्ति के रूप में 2 लाख रुपये वन विभाग के पक्ष में एक माह के भीतर जमा करेगा, जिसका प्रयोग वन विभाग क्षेत्र के सुधार में करेगा।