होटल व्यवसायियों पर आर्थिक मंदी की तरह चोट की है लॉक डाउन(lock down) ने काम काज ठप्प अब आगे संचालन की चिंता

Newsdesk Uttranews
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उत्तरा न्यूज रिपोर्ट

अल्मोड़ा: 08 मई 2020— लॉक डाउन (lock down)की मार पर्यटन व्यवसायियों पर भी जबरदस्त तरीके से पड़ी है अल्मोड़ा में ही करीब 20 से 30 करोड़ का नुकसान हुआ है। अन्य छोटे होटल, रिर्जोट और होम स्टे भी इससे पूरी तरह प्रभावित हो गये हैं।

22 मार्च के बाद से ही यह व्यवसाय एक दम बंद हैं। अल्मोड़ा जिला मुख्यालय सहित पूरे जिले में विभिन्न स्थानों पर पर्यटन व्यवसाय को अपनाने वाला हर व्यवसाई लॉक डाउन के बाद आर्थिक संकट में आ गए हैं।

हालात यह हैं कि पर्यटक स्थल चाहे प्राकृतिक सौंदर्य हो हिल स्टेशन हों या धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हो पिछले 45 दिन से उनका संचालन ठप हो गया है।अल्मोड़ा,मारचूला, कसारदेवी, जागेश्वर सहित अन्य कई स्थान आजकल सूनसान पड़े हुए हैं।

लेकिन अब इस व्यवसाय पर लॉक डाउन आर्थिक मंदी की तरह चोट कर रहा है। सरकार की अपील पर होटल संचालकों ने अपने कार्मिकों को मार्च और अप्रैल का वेतन तो दे दिया है लेकिन जब होटल संचालित ही नहीं होंगे तो खर्च कैसे निकलेगा यह चिंता इन व्यवसायियों को परेशान कर रही है। अब व्यवसायी सरकार से इस व्यवसाय को बचाने को ठोस कदम उठाने की मांग कर रही है।

होटल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजेश बिष्ट ने भी इस प्रकार के हालातों पर चिंता जताई है उन्होंने कहा कि सरकार को इस सेक्टर को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

इधर प्रमुख पर्यटन स्थल कसारदेवी में ही 70 से अधिक होम स्टे चलते हैं इसके अलावा कई रिजार्ट और होटल भी यहां संचालित होते हैं। लॉक डाउन का इस व्यवसाय पर जबरदस्त नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

इस मौसम में यहां काफी चहल पहल रहती थी लेकिन पहली बाद पर्यटकों से भरा रहने वाला कसारदेवी में भी सन्नाटा है। मोहन होटल के संचालक मोहन सिंह रयाल ने भी कहा कि सरकार यदि तत्काल इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के हित में कदम नहीं उठाती तो इस सेक्टर को अभूतपूर्व नुकसान झेलना पड़ेगा।

जिला पर्यटन विकास अधिकारी राहुल चौबे भी इस समस्या के प्रति इत्तेफाक रखते हैं उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के चलते पर्यटन प्रभावित हुआ है तो तय है कि पर्यटन व्यवसाय भी प्रभावित हुआ होगा। अल्मोड़ा जिले में भी इसका असर देखने को मिला है।

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