किसानों के लिए राहत भरी दोहरी सौगात, सस्ता लोन देने की योजना जारी, धान का समर्थन मूल्य बढ़ा

केंद्र सरकार ने किसानों के हित में एक अहम फैसला लिया है। वित्त वर्ष दो हजार पच्चीस छब्बीस के लिए सरकार ने ब्याज में छूट…

केंद्र सरकार ने किसानों के हित में एक अहम फैसला लिया है। वित्त वर्ष दो हजार पच्चीस छब्बीस के लिए सरकार ने ब्याज में छूट देने वाली योजना को आगे जारी रखने का एलान किया है। इस योजना के तहत किसान क्रेडिट कार्ड यानी केसीसी पर किसानों को कम ब्याज पर तीन लाख रुपये तक का छोटा कर्ज मिलता है। ब्याज दर सात फीसदी होती है लेकिन सरकार की तरफ से डेढ़ फीसदी की राहत दी जाती है। साथ ही अगर किसान समय पर लोन चुका देता है तो उसे तीन फीसदी का और फायदा दिया जाता है। इस तरह किसान को सिर्फ चार फीसदी ब्याज चुकाना पड़ता है। यही नहीं अगर कोई किसान मछली पालन या पशुपालन के लिए कर्ज लेता है तो उसे दो लाख रुपये तक इस योजना का लाभ मिल सकता है।

कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि इस योजना को पहले की तरह जारी रखा जाएगा। इसके लिए सरकार को अपने खजाने से पंद्रह हजार छह सौ चालीस करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। उन्होंने बताया कि देश में अभी तक साढ़े सात करोड़ से ज्यादा किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं। सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक केसीसी के जरिए साल दो हजार चौदह में जहां साढ़े चार लाख करोड़ रुपये का लोन दिया गया था वहीं दिसंबर दो हजार चौबीस तक यह आंकड़ा दस लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है।

इसके साथ ही सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। दो हजार पच्चीस छब्बीस के खरीफ सीजन के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी बढ़ा दिया गया है। अब धान की सामान्य किस्म का एमएसपी बढ़ाकर दो हजार तीन सौ उनहत्तर रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। यह पहले के मुकाबले उनहत्तर रुपये ज्यादा है। ए ग्रेड धान पर भी यही बढ़ोतरी लागू होगी। इसके अलावा दूसरी फसलों पर भी एमएसपी बढ़ाने को लेकर फैसला लिया गया है।